हरिद्वार। भूपतवाला स्थित श्री कल्याण आश्रम के परमाध्यक्ष पर जानलेवा हमला करने के मामले में चतुर्थ अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश आर के श्रीवास्तव ने उनके शिष्य को दोषी पाते हुए 7 साल की कठोर कैद तथा दस हजार रुपए अर्थदण्ड की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता नीरज गुप्ता ने बताया कि 30 में 2022 को श्री कल्याण आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कमलानंद गिरि अपने शिष्य राकेश के साथ प्रतिदिन की तरह नंबर एक ठोकर पर मछली को आटा खिलाने के लिए गए थे, तभी अचानक वहां पर उनके शिष्य गिरीशानंद ने पीछे से आकर उनकी गर्दन पर जान से मारने की नीयत से चाकू से हमला कर दिया था। जिससे महामंडलेश्वर कमलानंद गिरी की गर्दन एवं हाथ पर गंभीर चोटें आई थी। मौके पर मौजूद लोगों एवं राकेश ने उन्हें बचाया था। आरोपी मौके से चाकू लेकर फरार होने में कामयाब हो गया था।
घटना की रिपोर्ट राकेश पुत्र ओमप्रकाश ने 1 जून 2022 को नगर कोतवाली में दर्ज कराई थी। पुलिस ने आरोपी गिरीशानंद शिष्य स्वामी कमलानंद निवासी मुखिया गली भूपतवाला को 2 जून 2022 को गिरफ्तार किया था। आरोपित की निशानदेही पर पुलिस ने घटना में प्रयुक्त चाकू भी बरामद किया था।
मुकदमें में पीड़ित पक्ष की ओर से अधिवक्ता प्रभाकर गुप्ता ने 6 गवाहों के बयान कराएं। दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायालय ने गिरीशानंद को अपने गुरु स्वामी कमलानंद गिरि पर जानलेवा हमला करने का दोषी पाते हुए उसे 7 साल की कैद एवं 10 हजार रुपए के अर्थ दण्ड की सजा सुनाई है।