पीएम को अंधेरे में रखने वालों पर भी हो कार्यवाही
हरिद्वार। सरस्वती आश्रम कनखल के परमाध्यक्ष स्वामी महेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहाकि अपहरण जैसे गंभीर मामले कें आरोपी के साथ प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी का मंच साझा करना दुर्भाग्यपूर्ण है। इससे जहां आरोपित को बल मिलेगा वहीं कहीं न कहीं न्याय भी प्रभावित होगा।

स्वामी महेश्वरानंद सरस्वती महाराज
उन्होंने कहाकि आज यूपी के मुरादाबाद के संभल स्थित कल्कि पीठ में आयोजित समारोह में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने शिरकत की। जहां निरंजनी पीठाधीश्वर महामण्डलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि, जो की वर्ष 1997 में दर्ज मुकद्में में अपहरण जैसे गंभीर अपराध में आरोपित हैं। इतना ही नहीं इस आरोप में उनके घर की कुर्की भी की जा चुकी है। कैलाशानंद गिरि 26 वर्षों से लगातार फरार हैं। ऐसे आरोपित के साथ न्यायप्रिय व धर्मनिष्ठ प्रधानमंत्री का मंच साझा करना दुर्भाग्यपूर्ण है।
स्वामी महेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहाकि जिस व्यक्ति को जेल की सलाखों के पीछे होना चाहिए था, वह व्यक्ति प्रधानमंत्री से भेंट कर न्याय को मुंह चिढ़ानंे का कार्य कर रहा है। उन्होंने इसके लिए स्थानीय खुफिया तंत्र को भी जिम्मेदार ठहराते हुए उन अधिकारियों के खिलाफ भी कार्यवाही किए जाने की मांग की, जिनके कारण एक आरोपित प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा कर पाया। स्वामी महेश्वरानंद सरस्वती महाराज ने कहाकि समारोह के आयोजकों को भी ऐसे व्यक्तियों को बुलाना संत समाज की गरिमा को ठेस पहुंचाना वाला कृत्य है। कहाकि जब संत समाज ऐसे व्यक्ति के खिलाफ आवाज उठा रहा है, तो ऐसे में उन्हें प्रधानमंत्री की उपस्थिति में बुलाना ही अनुचित है।
उन्होंने कहाकि इस संबंध में हरिद्वार का संत समाज पत्रकार वार्ता कर स्वामी कैलाशानंद के कारनामों को उजागर कर चुका है। उन्होंने ऐसे आरोपितों के खिलाफ तत्काल कार्यवाही किए जाने की प्रधानमंत्री से अपील की। उन्होंने कहाकि संत समाज भाजपा का समर्थक रहा है, किन्तु भगवा धारण कर गंभीर अपराध में लिप्त संतों का प्रधानमंत्री के साथ मंच साझा करवाना उनकी गरिमा को ठेस पहुंचाने का कार्य हैं।


