श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पूर्व शांतिकुंज में अखण्ड रामायण पाठ


22 जनवरी को मनायेंगे दीपोत्सव, जलायेंगे कई लाख दीये

हरिद्वार। अयोध्याधाम में होने जा रहे भगवान श्रीरामलला की प्राण प्रतिष्ठा को लेकर गायत्री तीर्थ शांतिकुंज में 24 घंटे के लिए अखण्ड रामायण पाठ का शुभारंभ हुआ। मंगल भवन अमंगल हारी, द्रवहु सुदसरथ अजिर बिहारी चौपाई के साथ देवसंस्कृति विश्वविद्यालय के प्रतिकुलपति डॉ चिन्मय पण्ड्या एवं श्रीमती शेफाली पण्ड्या ने शुभारंभ किया।
शांतिकुंज व देवसंस्कृति विश्वविद्यालय परिवार के सैकड़ों कार्यकर्ता भाई बहिनों ने गायत्री तीर्थ स्थित हनुमान मंदिर परिसर में अखण्ड रामायण का पाठ किया। देवसंस्कृति विश्वविद्यालय एवं शांतिकुंज का पूरा परिसर राममय दिखाई दिया। भोजनालय या कार्यालय चहुंंओर रामायण की चौपाई गुंजती रही।


इस अवसर पर अखिल विश्व गायत्री परिवार प्रमुख डॉ. प्रणव पण्ड्या एवं श्रद्धेया शैलदीदी ने कहा कि पाँच सौ साल की त्याग व साधना के बाद दिव्य व भव्य मंदिर में श्रीरामलला विराजमान हो रहे हैं। यह प्रत्येक सनातन धर्म के अनुयायियों के लिए गौरव का विषय है। हमारी सरकार की दृढ़ इच्छा शक्ति और अनेकानेक कारसेवकों की कठिन तपस्या का परिणाम है यह। देश-विदेश के गायत्री परिवार के करोड़ों साधक 22 जनवरी को बड़े ही उत्साह के साथ श्रीराम दीपोत्सव मनायेंगे।

देवसंस्कृति विश्वविद्यालय, शांतिकुंज एवं ब्रह्मवर्चस शोध संस्थान में कई लाख दीये जलायेंगे। उन्होंने कहा कि देश-विदेश के हजारों प्रज्ञा संस्थानों, गायत्री मंदिरों में भी अखण्ड रामायण पाठ एवं भजन संगीत के साथ उत्सव मनायेंगे। प्राण प्रतिष्ठा के एक माह बाद मायानगरी मुंबई में भी सनातन धर्म के प्रचार प्रसार, आध्यात्मिक वातावरण और राष्ट्र की उन्नति की कामना के साथ आश्वमेधिक महानुष्ठान प्रारंभ होगा।
कार्यक्रम विभाग प्रभारी श्याम बिहारी दुबे व उदयकिशोर मिश्र के संयोजन में अखण्ड रामायण पाठ का आयोजन हुआ।

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