*डिजास्टर वार्ड सहित अस्पताल के 41 बेड आरक्षित;4 टीमें गठित ।
उत्तरकाशी के सिलक्यारा टनल में फंसे श्रमिको को निकालने के लिए ड्रिलिंग का काम फिर से शुरू हो गया है। यदि सब कुछ समय रहा तो श्रमिको को किसी भी वक्त बाहर निकाल लिया जा सकता है। इसके बाद श्रमिको के प्राथमिक उपचार के लिए यदि उन्हें ऋषिकेश ले जाना पड़े तो इसके लिए ऋषिकेश एम्स प्रशासन ने पूरी तैयारी कर ली है। इसके लिए डिजास्टर वार्ड सहित अस्पताल के 41 बेड आरक्षित किए गए। साथ ही श्रमिकों के बेहतर उपचार के लिए विशेषज्ञ चिकित्सकों की 4 टीमें भी गठित की गई है।
क्या है प्लान
श्रमिकों के उत्तरकाशी से एम्स पहुंचाए जाने की स्थिति में श्रमिकों को एम्स के हेलीपैड से सीधे अस्पताल की ट्रॉमा इमरजेंसी में ले जाया जाएगा। इस बात की जानकारी देते हुए एम्स प्रशासन के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. नरेन्द्र कुमार ने बताया कि ट्रॉमा सेन्टर के डिजास्टर वार्ड सहित अस्पताल के अन्य एरिया में सभी श्रमिकों के लिए 41 बेडों की पर्याप्त व्यवस्था रखी गई है। उन्होंने बताया कि आपात स्थिति को देखते हुए विशेषज्ञ चिकित्सकों की 4 टीमें गठित कर उन्हें अलर्ट मोड पर रखा गया है। इन टीमों में ट्रॉमा सर्जन, एनेस्थिसिया, मनोरोग और जनरल मेडिसिन विभाग के चिकित्सक शामिल हैं।
संस्थान की कार्यकारी निदेशक प्रोफेसर डॉ. मीनू सिंह राज्य सरकार के साथ लगातार संपर्क में हैं। डॉ. नरेन्द्र ने बताया कि यदि आवश्यकता पड़ी तो उत्तरकाशी भेजे जाने के लिए भी डॉक्टर्स और नर्सिंग अधिकारियों की एक टीम तैयार रखी गई है। उल्लेखनीय है कि एम्स के पास अपना हेलीपैड है, जहां एक बार में 3 हेलीकॉप्टर्स एक साथ उतारे जा सकते हैं।


