संत निरंकारी मिशन द्वारा जनपद टिहरी गढ़वाल के कमान्द क्षेत्र में विशाल सन्त समागम का आयोजन माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता की हजूरी में सम्पन्न हुआ।
माता सुदीक्षा ने कहा कि मनुष्य को मानवीय गुणों को अपनाकर परमात्मा को जीवन जीने का आधार बनाना चाहिए। आज जहां संसार के हर प्राणी में श्रेष्ठता की होड़ लगी हुई है, किसी को जाति का मान है तो किसी को पद का अभिमान है। ऐसे समय में निरंकारी मिशन समाज मे यह संदेश दे रहा है कि मनुष्यों को बनाने वाला यह परमात्मा जब एक है तब हम सब में अन्तर कैसे हो सकता है।

कहा कि आज कमान्द के जिस स्थान में बैठकर हम सभी इस भव्य समागम का आनदं ले रहे है। उसके अनुसार ही यदि हम सन्त महात्माओं, पीर पैगम्बरों के वचनों को कंमाण्ड के रूप में लें तो निश्चित ही भक्ति की सार्थकता सिद्ध हो सकती है। संत महात्माओं ने तो सदैव यही संदेश दिया है कि यह जो मानव तन हमें मिला है उसका सदुपयोग करके अपने जीवन को सुहैला बनाया जा सकता है। जब मनुष्य की रचना परमात्मा द्वारा की गयी है तब ऊंच-नीच की भावना का कोई अर्थ ही नहीं रह जाता क्योंकि हम सभी एक परमात्मा की ही संतान है इसीलिए हमें अपने मन के भावों को इस प्रकार बनाना चाहिए कि विषम परिस्थितियों में भी एक जैसी समरसता बनी रहे।
इस एक दिवसीय विशाल निरंकारी संत समागम में मिशन के अनेक वक्ताओं, गीतकारों एवं कवियों ने अपने शुभ भावों को प्रेरणादायी रूप में प्रकट किया। कमाण्ड क्षेत्र के संयोजक, रमेश चंद रमोला ने माता सुदीक्षा महाराज एवं निरंकारी राजपिता का सभी संतों एवं भक्तों को अपना पावन आशीर्वाद प्रदान करने हेतु अभिवादन किया।


