उदासीन बड़ा अखाड़ा विवादः रात्रि में संतों और नेताओं की गुप्त बैठकों का दौर जारी

दूसरे गुट के संत गुप्त बैठकों में नेताओं के शामिल होने से भयभीत


हरिद्वार।
भू माफियाओं और अपना उल्लू सीधा करने वाले नेताओं की आश्रम-अखाड़ों में एंट्री ही आश्रम-अखाड़ों में विवाद की मुख्य वजह है। अखाड़ों व आश्रमों में जमीन व सम्पत्ति को लेकर कई साधुओं की हत्याएं भी हो चुकी हैं। कई लापता हैं। बावजूद इसके प्रशासन इस ओर ध्यान नहीं दे रहा है।
कनखल स्थित बाबा बनखड़ी की तपोभूमि श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन का चल रहा विवाद भी इस ओर बढ़ता दिखाई दे रहा है। इतना होने के बाद भी नेता संतों का साथ छोड़ने को तैयार नहीं हैं। गुप्त बैठकें कर दूसरे गुट को मात देने की रणनीति पर चर्चा की जा रही है। जिस कारण से दूसरे गुट के संत भयभीत हैं और अपनी हत्या की आशंका भी जता चुके हैं।


श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के चार महंतों को अखाड़े से निष्कासित कर दिए जाने के बाद से घर का झगड़ा अब सड़क पर आ गया है। जिस कारण से अखाड़े में संतों के दो गुट हो चुके हैं। दोनों ही गुट एक-दूसरे को शह-मात देने की कोशिश में हैं। इस लड़ाई में किसका पलड़ा भारी होगा और कौन मुुंह की खाएगा यह तो भविष्य के गर्त में है। साथ ही मामला कोर्ट मंे पहंुच जाने के बाद अब कोर्ट ही इसका निर्णय करेगा, किन्तु कुछ लोग ऐसे भी जो संतों के झगड़े की इस आग को शांत होने देना नहीं चाहते हैं। उन्हें इस बात का डर है कि यदि मामला शांत हो गया तो उनकी रोजी-रोटी पर फर्क पड़ना लाजमी है।


यही कारण है कि अखाड़े में देर रात तक गुप्त बैठकों का आए दिन दौर चलता रहता है। सूत्र बताते हैं कि दो दिन पूर्व भी रात्रि में अखाड़े में बैठक हुई, जिसमें दूसरे गुट को मात देने के लिए रणनीति पर चर्चा की गई। सूत्र बताते हैं कि अखाड़े में हो रही नेताओं की गुप्त बैठक के कारण दूसरे गुट के संत भयभीत हैं और वे अपनी हत्या की भी अब आशंका जताने लगे हैं।


वहीं सूत्र बताते हैं कि संतों के एक गुट ने प्रधानमंत्री के लिए एक पत्र लिखा है, जिसमें विवाद को हवा दे रहे नेताओं का भी जिक्र किया गया है। साथ ही इस मामले में कुछ बड़ा कदम भी संतों के एक गुट द्वारा उठाया जा सकता है। जो संतों और नेताओं पर भारी पड़ सकता है।


उधर अखाड़े के एक संत ने बताया कि गुप्त रूप से देर रात तक अखाड़े में बैठक कर अव्यवस्थाएं उत्पन्न करने का कार्य किया जा रहा है। साथ ही कुछ लोग आग में घी डालने का काम कर संतों को भडका रहे हैं। साथ ही अप्रत्यक्ष से उनके साथ खड़ा होने का आश्वासन देकर उनको लड़ाई में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित भी कर रहे हैं।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *