जिला पंचायत मेें 60 करोड़ के घोटाले का पर्दाफाश, अध्यक्ष की बर्खास्तगी की मांग

पूर्व जिपं अध्यक्ष ने सीएम से की बर्खास्त करने की मांग


हरिद्वार।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष ने वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष पर साढ़े चार माह के कार्यकाल में 60 करोड़ रुपए के गबन करने के आरोप लगाए हैं। उन्होंने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से जिला पंचायत हरिद्वार में हुए इतने बड़े भ्रष्टाचार पर कार्रवाई करने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री जिला पंचायत हरिद्वार की जांच कराएं सबूत वह देंगे।


रुड़की के एक होटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष एवं बसपा नेता सुभाष वर्मा ने बताया कि वर्तमान जिला पंचायत अध्यक्ष और सदस्यों ने 18 अगस्त 2022 को शपथ ली थी और इसी दिन पहली बोर्ड बैठक हुई जिसमें 3 प्रस्ताव आए थे, लेकिन इस बैठक में किसी तरह का कोई प्रस्ताव पास नहंी हुए। बिना टेंडर पास हुए कोई कार्य नहीं हो सकता। उन्होंने बताया इसके बाद बिना किसी बोर्ड बैठक में पास हुए 256 कार्यों के टेंडर बिना पास किए अध्यक्ष ने अपनी मनमानी से निकाले और टेंडरों का प्रकाशन 16 नवंबर को कर दिया गया। प्रकाशित टेंडर का संशोधन 8 दिसंबर और 19 दिसंबर के संस्करण में दिखाया गया।


आरोप लगाया कि फर्जी तरीके से प्रकाशन दिखाकर 60 करोड़ रुपए की बंदरबाट की गई। उन्होंने कहा कि बोर्ड बैठक में बिना प्रस्ताव पारित हुए कोई भी विकास कार्य नहीं कराया जा सकता। इसके बावजूद नियम विरुद्ध तरीके से टेंडर किए गए। समाचार पत्र में 353 निविदा प्रकाशित की गई जबकि आरटीआई के अनुसार स्वीकृत निविदाएं 256 हैं। उक्त निविदाओं में उन सदस्यों के प्रस्ताव भी शामिल हैं।
सुभाष वर्मा ने बताया कि आरटीआई से प्राप्त सूचना के अनुसार जिला पंचायत अभियंता पत्र 17 अक्टूबर के अनुसार 34 कार्यों के अनुमोदन एवं स्वीकृति के प्रस्ताव की टिप्पणी के अनुसार यह कार्य जिला पंचायत की दूसरी बैठक 19 नवंबर में स्वीकृत होने थे, जबकि बोर्ड बैठक से 3 दिन पूर्व ही 16 नवंबर को प्रकाशित कर सरकारी धन का दुरुपयोग किया गया। जिला पंचायत में अभी तक किसी भी समिति का गठन नहीं हुआ और न ही किसी भी बोर्ड बैठक में बोर्ड द्वारा अध्यक्ष को किसी समिति का अधिकार नहीं दिया गया है। निर्माण समिति की सिफारिशों के साथ कार्य समिति जिला पंचायत को प्रस्तुत करती है। इस नियमावली के विरुद्ध कार्यों के टेंडरों किए गए है।


सुभाष वर्मा ने आरोप लगाया कि अध्यक्ष जिला पंचायत हरिद्वार ने अपने पद का दुरुपयोग करते हुए उच्च न्यायालय नैनीताल में पहले से नामित अधिवक्ता को हटाकर अपने भतीजे राहुल वर्मा जो कि वर्तमान में उच्चतम न्यायालय में अपर महाधिवक्ता उत्तराखंड सरकार के पद पर हैं, की नियुक्ति जिला पंचायत हरिद्वार के अधिवक्ता के रूप में की है, जो कि पंचायती राज एक्ट का खुला उल्लंघन है।


अध्यक्ष जिला पंचायत हरिद्वार राजेन्द्र सिंह द्वारा सरकारी धन का दुरुपयोग करते हुए मानकपुर क्षेत्र में सभी बोर्डों पर प्रस्तावक के रूप में अपने पिता डॉ. रामपाल सिंह, अपने सगे ताऊ बीरबल सिंह सरपंच व चौधरी साधुराम एवं अपने भाई मेहताब सिंह उर्फ भूरु प्रधान का नाम लिखवा कर परिवार का प्रचार कर रहे हैं। आरोप लगाया कि आउट सोर्स के जो कर्मचारी पूर्व से कार्यरत हैं गत 3 माह से उनका वेतन नहीं दिया गया है और उनको हटाकर जिला पंचायत अध्यक्ष अपने लोगों को रखना चाहते हैं, जो कि पुराने कर्मचारियों के साथ अन्याय है। कहाकि अगर जिला पंचायत अध्यक्ष जन विरोधी नीति अपनाते हैं, तो बसपा जिला पंचायत कार्यालय में धरना प्रदर्शन करेगी।
पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष सुभाष वर्मा ने धामी सरकार से भी मांग की कि जिला पंचायत अध्यक्ष राजेंद्र सिंह को तत्काल निलंबित कर उक्त प्रकरण की जांच एसआईटी से कराई जाए और निविदा समिति का तुरंत जिला पंचायत हरिद्वार से स्थानांतरण किया जाए। इतना ही नहीं साजिश में शामिल सभी ठेकेदारों के भुगतान पर रोक लगाई जाए। जिला पंचायत उत्तरकाशी पर हुई कार्यवाही की तर्ज पर अध्यक्ष के साथ-साथ निविदा समिति व सम्मिलित ठेकेदारों पर 120 बी की कार्यवाही कर गबन की गई धनराशि वसूलने की कार्यवाही करें।
बसपा प्रदेश अध्यक्ष आदित्य बृजवाल ने कहा कि जिला पंचायत में हो रही अनियमितता को लेकर बसपा का एक प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री एवं पंचायती राजमंत्री सतपाल महाराज से मुलाकात कर जिला पंचायत हरिद्वार के अध्यक्ष राजेंद्र सिंह उर्फ किरण चौधरी को बर्खास्त करने व तत्काल एसआईटी का गठन कर निष्पक्ष कार्रवाई की मांग करेगा।

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