मां मंशा देवी प्रकरणः कार्यवाही को लिखा पत्र

हरिद्वार। मां मनसा देवी मन्दिर के कथित फर्जी ट्रस्टी बताकर दान दाताओं से अवैध रूप से चन्दे की वसूली के आरोप में महंत रविन्द्र पुरी, राजगिरी अनिल शर्मा एवं बिन्दू गिरी के खिलाफ हरिद्वार निवासी एक व्यक्ति की ओर से कोतवाली में तहरीर दी गई।

अश्वनी शुक्ला पुत्र संजय शुक्ला निवासी निर्मला छावनी हरिद्वार ने बीते 23 जनवरी को नगर कोतवाली को डाक द्वारा एक शिकायती पत्र भेजा है। पत्र में कहा गया कि हरिद्वार के सिद्ध पीठों में मां मनसा देवी मन्दिर जिसको वन विभाग द्वारा 40 गुणा 40 का एक चक दिया गया था, जो कि पूरी तरह से सार्वजनिक सम्पत्ति है। किन्तु महंत रविन्द्र पुरी, राजगिरी अनिल शर्मा एवं बिन्दू गिरी ने अपने आपको इसका ट्रस्टी बताकर दान की रसीद बुक छपवाकर इनके द्वारा दानदाताओं से लाखांे, करोडों रुपये का अवैध रूप से चन्दा वसूल कर धोखाधड़ी की जा रही है। साथ ही मन्दिर में चढ़ने वाले कीमती सोने चाँदी के जेवरात को धमार्थ कार्य में खर्च ना कर अपनी जेब भर रहे है। इतना ही नहीं ये लोग मंसा देवी मन्दिर ट्रस्ट के नाम से लेटर पैड छपवाकर शासन में रोब गालिब कर उसका दुरूपयोग कर मन्दिर की सम्पत्ति पर अवैध रूप से कब्जा कर रखा है।

शिकायती पत्र में प्रार्थी द्वारा पुलिस को बताया गया कि मंहत रविन्द्र पुरी राजगिरी, अनिल शर्मा व बिन्दू गिरी द्वारा कूटरचना कर फर्जी दस्तावेज तैयार कर बिना माँ मनसा देवी मन्दिर ट्रस्ट को रजिस्टर्ड कराये आयकर विभाग के अधिकारियों को धोखे में रखकर 80जी की सुविधा प्राप्त कर रहे हैं। जब इस सम्बन्ध में राजाजी टाइगर रिजर्व से सूचना प्राप्त की गई तो पता चला कि आज तक कोई पट्टा, लीज या किसी तरह का कोई स्वामित्व किसी व्यक्ति के नाम पर नहीं दिया गया है और ना ही इस भूमि को खरीद फरोख्त सम्बन्धी कोई अनापत्ति प्रमाण पत्र पर सम्बन्धित विभाग से लिया गया है। ऐसे में यह लोग अवैध रूप से फर्जी ट्रस्ट के नाम पर आम जनता व दानदाताओं से चन्दा दान प्राप्त कर उनसे धोखाधड़ी कर रहे हैं।

प्रार्थी ने पत्र में नगर कोतवाली प्रभारी से कथित ट्रस्टियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने उचित कार्यवाही किए जाने की मांग की है। प्रार्थी द्वारा उक्त शिकायती पत्र की एक मूल प्रति वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक को भी भेजी गई।

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