फटकार के बाद श्रीमहंत के बदले बोल, बोले मैंने नहीं हरिगिरि ने बनवाया आचार्य

हरिद्वार। निरंजनी अखाड़े के आचार्य पद पर स्को लेकर रार रूकने का नाम नहीं ले रही है। इस विवाद में अखाड़े के साथ अन्य कई संतों की भी फजीहत हो रही है। हालात यह हो गए हैं कि अखाड़े के संतों को माफी तक मांगनी पड़ी रही है।
सूत्र बताते हैं कि विगत दिनों निरंजनी अखाड़े के एक वरिष्ठ श्रीमहंत प्रयागराज में जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज ने मिले। जहां शंकराचार्य ने आचार्य पद को लेकर उपजे विवाद पर श्रीमहंत को फटकार लगायी। सूत्र बताते हैं कि फटकार लगने के बाद श्रीमहंत मिमियाने लगे। उन्होंने कहाकि वे तो शुरू से ही आचार्य पद पर अन्य की नियुक्ति का विरोध करते रहे हैं। अखाड़े के एक अन्य श्रीमहंत इस कार्य को करने के लिए उतावले थे। इतना ही नहीं जूना अखाड़े के श्रीमहंत हरिगिर महाराज ने भी नए आचार्य को बनाने में काफी दवाब बनाया। इस कार्य में उनका कोई भी रोल नहीं है। बोले की स्वामी प्रज्ञानानंद महाराज ही अखाड़े के आचार्य हैं।

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