हरिद्वार। 17 वर्षीय लड़की का अपहरण कर दुष्कर्म करने के मामले में एफटीएससी/अपर सत्र न्यायाधीश कुमारी कुसुम शानी ने आरोपी को दोषी पाते हुए 10 वर्ष की कठोर कैद व एक लाख छह हजार रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है।
शासकीय अधिवक्ता भूपेंद्र चौहान ने बताया कि 23 मई 2017 की रात कलियर थाना क्षेत्र के गांव से एक नाबालिग लड़की लापता हो गई थी।आस पड़ोस व रिश्तेदारों में खोजबीन के बाद भी पीड़िता का पता नही चला था।इसके बाद पीड़िता के परिजन आरोपी शुभम के घर पहुंचे थे।तो आरोपी शुभम के घरवालों ने बताया कि पीड़िता शादी करने के लिए शुभम के साथ गई है। शुभम का दोस्त कपिल उन्हें छोड़कर आया है।इसके बाद पीड़िता के पिता ने आरोपी शुभम उर्फ बाली,उसके पिता राजेन्द्र,माता बालेश, बहन मोनिका व उसके दोस्त कपिल पर साजिश रचकर बहला फुसलाकर ले जाने में मदद करने का आरोप लगाया था।
पुलिस ने पीड़िता को मोबाइल फोन की लोकेशन ट्रेस कर गाजियाबाद से आरोपी युवक के कब्जे से बरामद किया था।पीड़ित लड़की ने घर पहुंचकर अपने परिजनों को सारी आपबीती बताई थी। जिसमें आरोपी शुभम व उसके दोस्त कपिल पर मुँह दबाकर कार में डालकर ले जाने व दुष्कर्म करने बताया था।पिरान कलियर पुलिस ने पीड़ित लड़की के पिता की लिखित शिकायत पर आरोपी शुभम उर्फ बाली,उसके पिता राजेन्द्र, माता बालेश, बहन मोनिका व दोस्त कपिल निवासी गण ग्राम इमली खेड़ा थाना पिरान कलियर के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया था।पुलिस ने आरोपी शुभम को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था।संबंधित विवेचक ने आरोपी शुभम उर्फ बाली के खिलाफ कोर्ट में आरोपपत्र दाखिल किया था। जबकि अन्य लोगों के खिलाफ विवेचना में ठोस सबूत न होने पर उन्हें निकाल दिया था। वादी पक्ष ने साक्ष्य में नौ गवाह पेश किए।जबकि बचाव पक्ष की ओर से एक गवाह पेश किया गया।
न्यायालय ने एसआई नवीन चंद जोशी के खिलाफ विवेचना में लापरवाही करने तथा सह आरोपी कपिल को मुकदमे से निकाल देने पर उचित कार्यवाही कर दो माह के भीतर रिपोर्ट के माध्यम से अदालत को अवगत कराने के आदेश दिए गए हैं।


