मां मनसा देवी प्रकरणः हाई कोर्ट के आदेशानुसार शिकायत पर कार्यवाही करने की मांग, लिखा पत्र

हरिद्वार। सामाजिक कार्यकर्ता वासू सिंह निवासी एस 171 शिवलोक कॉलोनी भभूतावाला बाग रानीपुर हरिद्वार ने पुलिस महानिदेशक उत्तराखंड, वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून, पुलिस क्षेत्राधिकारी हरिद्वार व कोतवाली प्रभारी हरिद्वार को पत्र भेजकर मां मनसा देवी मंदिर पर उच्च न्यायालय के आदेशानुसार रखवाए गए शिकायती रजिस्टर में प्रार्थी की शिकायत दर्ज करा कर 24 घंटे के भीतर कार्यवाही कर निस्तारण की मांग करने की है।


पत्र में कहा गया कि उच्च न्यायालय में दायर जनहित याचिका जेपी बडोनी बनाम स्टेट ऑफ उत्तराखंड में पारित आदेश दिनांक 3.01.2012 के अनुसार मनसा देवी मंदिर से संबंधित शिकायत वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के द्वारा रखवाए गए शिकायती रजिस्टर में अंकित की जाएंगी। कहा कि वर्तमान में जो मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट मंदिर का संचालन कर रही है वह ट्रस्ट अपंजीकृत की श्रेणी में है। वर्ष 1972 में पंजीकृत कराई गई उक्त ट्रस्ट नवीनीकरण ना कराए जाने के कारण वर्तमान में भी अपंजीकृत ही चली आ रही है, किंतु रविंद्र पूरी (स्वयंभू अध्यक्ष), अनिल शर्मा, बिंदु गिरी, राज गिरी द्वारा अपंजीकृत मां मनसा देवी मंदिर ट्रस्ट के नाम से दान की रसीदें, स्वयं का महिमा मंडन व लैटर हेड का इस्तेमाल कर शासन-प्रशासन को गुमराह करते चले आ रहे हैं। पत्र में कहा कि राजाजी टाईगर रिजर्व से प्राप्त सूचना के अनुसार मनसा देवी मंदिर के नाम दर्ज चक 0.040 हेक्टेयर किसी व्यक्ति विशेष के नाम पर नहीं दिया गया है, जिस पर उक्त अपराधिक प्रकृति के व्यक्तियों द्वारा फर्जी वसीयतनामें के आधार पर कब्जा किया हुआ है। आज तक भी मां मनसा देवी मंदिर किस आधार पर संचालन किया जा रहा है इसके प्रमाण जांचकर्ता द्वारा नहीं मांगे गए हैं ना ही आज तक उक्त व्यक्तियांे के काल्पनिक ट्रस्ट की स्थित का प्रमाण मांगा गया है, जो की पुलिस द्वारा की जा रही कार्यवाही पर सवाल खड़े करता है, जिससे यह भी प्रमाणित होता है की उक्त व्यक्तियों को पुलिस द्वारा पूर्ण तरह सहयोग प्राप्त है।


पत्र में कहा गया कि उक्त व्यतियों द्वारा जालसाजी, धोखाधड़ी, फर्जीवाड़े जैसे गंभीर अपराध किए जा रहे हैं। विडंबना यह है की पुलिस प्रशासन द्वारा उक्त व्यक्तियों के विरुद्ध आज तक कोई कानूनी कार्यवाही अमल में नहीं लाई गई है। शशी ठाकुर द्वारा दर्ज कराए गए मुकदमे में भी नगर कोतवाली द्वारा न्यायालय की अवमानना की गई एवं दोषियों को बचाने के उद्देश्य से अंतिम रिपोर्ट भी दाखिल की गई। प्रभावशाली व्यक्तियों का प्रभाव इस कदर बढ़ चुका है की जेपी बडोनी द्वारा दर्ज कराए गए गैर जमानती धाराओं के अंतर्गत भी आज तक दोषी खुले में घूम रहे हैं।
वासू सिंह ने निष्पक्ष न्याय किए जाने के लिए जनहित में अनुरोध किया है कि उक्त प्रकरण की गंभीरता को संज्ञान लेते हुए उनकी शिकायत शिकायती रजिस्टर में अंकित करवाते हुए दोषियों के विरुद्ध न्यायालय के आदेशानुसार 24 घंटे के भीतर कड़ी कानूनी कार्यवाही करें। इस पत्र की प्रति वासू सिंह ने नरेंद्र मोदी, प्रधानमंत्री, पुष्कर सिंह धामी, मुख्यमंत्री, उत्तराखंड व मुख्य सचिव, उत्तराखंड शासन को भी प्रेषित की है।

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