सेंट जे.पी. कॉन्वेंट पब्लिक स्कूल में महारानी लक्ष्मीबाई जयंती पर भव्य वार्षिक महोत्सव


मुख्य अतिथि सरदार किरणजीत सिंह संधु, पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद और गन्ना विकास सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष मंत्री श्यामवीर सैनी ने कार्यक्रम में की शिरकत

विनोद धीमान
हरिद्वार। लक्सर के सेंट जे.पी. कॉन्वेंट पब्लिक स्कूल में महारानी लक्ष्मीबाई जयंती के अवसर पर वार्षिक महोत्सव बड़े ही भव्य और गरिमामय वातावरण में आयोजित किया गया। ऐतिहासिक पराक्रम और राष्ट्रभक्ति की प्रतीक झांसी की रानी को समर्पित इस आयोजन ने विद्यालय परिसर को देशभक्ति, सांस्कृतिक समृद्धि और उल्लास से सराबोर कर दिया।

कार्यक्रम की शुरुआत मंत्रमुग्ध करने वाली सरस्वती वंदना से हुई। इसके बाद छोटे-बड़े सभी छात्रों ने रंगारंग प्रस्तुतियों से समां बाँध दिया। “नानी तेरी मोरनी”, “चंदा को चकोरी”, “आओ बच्चों तुम्हें दिखाएँ झांकी हिंदुस्तान की”, “क्रांतिवीर भगत सिंह”, “सत्यभामा नाट्य”, राजस्थानी गीत, गिद्धा, लेज़ियम, योगा, डम्बल, और रानी लक्ष्मीबाई गीत जैसी प्रस्तुतियों ने दर्शकों को भरपूर तालियां बजाने पर मजबूर कर दिया। विद्यालय परिसर देशभक्ति के जयघोष से गूंज उठा।

मुख्य अतिथि का सम्मान एवं वक्तव्य

कार्यक्रम में मुख्य अतिथि सरदार किरणजीत सिंह संधु, जो शहीद-ए-आज़म भगत सिंह के भतीजे हैं, का विद्यालय प्रबंधन की ओर से पारंपरिक पगड़ी पहनाकर और शॉल ओढ़ाकर स्वागत किया गया।

मुख्य अतिथि सरदार किरणजीत सिंह संधु ने कहाकि महारानी लक्ष्मीबाई केवल एक रानी नहीं थीं, बल्कि भारतीय स्वाभिमान की जीवंत प्रतिमूर्ति थीं। ऐसे आयोजनों से बच्चों में देशभक्ति और त्याग की भावना विकसित होती है। आज की पीढ़ी को उनकी वीरता से प्रेरणा लेने की आवश्यकता है।

विशिष्ट अतिथियों की उपस्थिति से बढ़ा कार्यक्रम का गौरव

कार्यक्रम में उत्तराखंड सरकार के गन्ना विकास सलाहकार समिति के उपाध्यक्ष एवं राज्यमंत्री श्यामवीर सैनी, पूर्व कैबिनेट मंत्री एवं प्रदेश उपाध्यक्ष स्वामी यतीश्वरानंद, तथा आर्य प्रतिनिधि सभा लखनऊ की उप मंत्री मीरा वर्मा सहित कई विशिष्ट अतिथि उपस्थित रहे।

राज्यमंत्री श्यामवीर सैनी ने कहा कि महारानी लक्ष्मीबाई हमारे राष्ट्र की अस्मिता का प्रतीक हैं। स्कूलों में ऐसे उत्सव विद्यार्थियों के चरित्र निर्माण और राष्ट्रभक्ति को मजबूत करते हैं। सेंट जे.पी. कॉन्वेंट का यह आयोजन सराहनीय है।

श्यामवीर सैनी बोले – विद्यालय चरित्र निर्माण का सर्वोत्तम केंद्र

राज्य मंत्री श्यामवीर सैनी ने कहा कि विद्यालय ने हमेशा आर्य समाज के सिद्धांतों और भारतीय संस्कारों से समझौता नहीं किया है। यह संस्थान बच्चों को सिलेबस के साथ जीवन मूल्य भी सिखा रहा है। यही शिक्षा का वास्तविक उद्देश्य है—सर्वांगीण विकास।

उन्होंने रानी लक्ष्मीबाई को नमन करते हुए कहा कि उनकी वीरता, त्याग और देशभक्ति आने वाली पीढ़ियों को सदैव प्रेरित करती रहेगी।

पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने कहा कि बच्चों द्वारा प्रस्तुत सांस्कृतिक कार्यक्रम उनके आत्मविश्वास और संस्कारों का परिचायक हैं। महारानी लक्ष्मीबाई जैसा साहस हर बच्चे में होना चाहिए। विद्यालय का यह प्रयास अत्यंत प्रेरणादायी है।

पूर्व कैबिनेट मंत्री स्वामी यतीश्वरानंद ने विद्यालय प्रबंधन की प्रशंसा करते हुए कहा कि लाल सिंह आर्य ने क्षेत्र में एक उत्कृष्ट शिक्षण संस्थान स्थापित किया है, जहां शिक्षा के साथ संस्कृति को प्राथमिकता दी जाती है। झांसी की रानी लक्ष्मीबाई का जीवन संघर्ष, साहस और राष्ट्रभक्ति का प्रतीक है। ऐसे महापुरुषों की जयंती मनाकर छात्रों में मूल्य और चरित्र निर्माण का भाव पैदा किया जा रहा है।

उन्होंने कहा कि माता–पिता, गुरु और विद्यालय—ये तीन स्तंभ ही बच्चों का भविष्य बनाते हैं। केवल आधुनिक शिक्षा पर्याप्त नहीं, बल्कि भारतीय संस्कृति, नैतिक मूल्य और जीवन के आदर्श भी उतने ही आवश्यक हैं।

इसके अलावा रविन्द्र (HOD, Core University), रविन्द्र (भगवानदास महाविद्यालय), डॉ. रविन्द्र (शामली), अम्ब्रीश गर्ग (गर्ग डिग्री कॉलेज), मुकेश वेदालंकर सहित कई शिक्षाविदों और सामाजिक व्यक्तित्वों ने कार्यक्रम की सफलता की सराहना की।

विद्यालय परिवार की महत्वपूर्ण भूमिका

कार्यक्रम में प्रबंधक लाल सिंह आर्य, उप-प्रधानाचार्य संगीता गोसाईं, डीन स्टूडेंट्स जे.पी. राजपाल सिंह, सेठपाल सिंह, विक्रांत पंवार, आकाश कुमार आर्य, सागर कोरी, सोनित डोगरा, अभिषेक सैनी, पप्पू सैनी, सुमन सैनी, रेशमा सैनी, दीपिका कश्यप, कोमल, तानिया सैनी, राखी, अंशुल पंवार, सार्थक सैनी सहित सभी शिक्षकों की महत्वपूर्ण भूमिका रही।
योगा शिक्षक जयराम जी की विशेष उपस्थिति भी सराहनीय रही।

समापन एवं आभार

कार्यक्रम का संचालन प्रभावी एवं सुव्यवस्थित रहा। हर प्रस्तुति ने उपस्थित जनसमूह को भावविभोर किया।
विद्यालय प्रबंधन ने समस्त अतिथियों, अभिभावकों और ग्रामवासियों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि—
“इस आयोजन का उद्देश्य बच्चों में राष्ट्रप्रेम और सांस्कृतिक मूल्यों का संवर्धन है, जिसे हम निरंतर आगे बढ़ाते रहेंगे।”

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