उत्तराखण्ड में एक ही रात में पांच बार भूकम्प से डोली धरती

उत्तराखण्ड में एक ही रात में पांच बार भूकंप से धरती के डोलने से लोगों में दहशत फैल गई। उत्तरकाशी जिले में आधी रात लगातार एक के बाद एक भूकंप के पांच झटके महसूस किए गए। भूकंप के झटकों से उत्तरकाशी के लोग दहशत में आ गए। लोग आधी रात घरों से बाहर निकल आए और सुरक्षित स्थानों पर चले गए। नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी के अनुसार भूकंप की तीव्रता 2.5 मैग्नीट्यूड रही। भूकंप की गहराई जमीन से 5 किीम नीचे थी। भूकंप की तीव्रता कम होने के चलते जान माल की कोई हानि की खबर सामने नहीं आई है।


उत्तरकाशी जिले में रविवार रात करीब 12 बजकर 40 मिनट पर भूकंप का पहला झटका महसूस हुआ। इसके बाद 5 से 10 मिनट के भीतर लगातार भूकंप में चार झटके महसूस किए गए। लगातार आए भूकंप के झटकों से उत्तरकाशी के लोग सहम उठे। लोग डर के मारे घरों से बाहर निकल आए।
जिला मुख्यालय में लोग घरों से बाहर सड़कों पर निकले। कुछ लोग रामलीला मैदान में सुरक्षित स्थान पर चले गए। ज्ञानसू और जोशियाड़ा में लोग डर के मारे बाहर सड़क किनारों पर चले गए। जिला आपदा प्रबंधन विभाग के मुताबिक जनपद के सभी तहसील क्षेत्रों से कहीं से कोई जान माल के नुकसान की सूचना नहीं है। उत्तरकाशी में लगातार आए भूकंप के झटकों को देखते हुए जिला प्रशासन ने लोगों को सतर्क रहने को कहा है। पुलिस के माध्यम से शहर भर में लोगों को लाउडस्पीकर के माध्यम से सतर्क रहते हुए सुरक्षित स्थानों पर जाने की अपील की। बता दंे की जिले में देर रात आए भूकंप के झटकों ने साल 1991 के विनाशकारी भूकंप की यादें ताजा कर दी। 20 अक्टूबर 1991 को आए 6.6 रिक्टर स्केल के भूकंप ने भारी कहर बरपाया था। त्रासदी में करीब 768 लोगों की मौत हुई थी। जबकि 5 हजार से ज्यादा लोग घायल हुए थे और करीब 20 हजार से ज्यादा आवासीय भवन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गए थे।


भूगर्भ वैज्ञानिक डॉ.सुशील कुमार का कहना है कि पूरा हिमालयी क्षेत्र भूकंप की दृष्टि से बेहद संवेदनशील है। यहां हर दिन 2 से 5 रिक्टर स्केल की तीव्रता के भूकंप आते रहते हैं। बताया कि इंडियन प्लेट के लगातार यूरेशियन प्लेट की ओर गति करने से भूगर्भीय हलचल बढ़ी हैं। साल 1991 के बाद से अब तक तीन दशक में उत्तरकाशी क्षेत्र में 70 से ज्यादा छोटे भूकंप के झटके आ चुके हैं। इनमें सर्वाधिक भूकंप के झटके साल 2017 में 13 महसूस किए गए थे।

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