हरिद्वार। विश्वगुरु भारत परिषद के अन्तराष्ट्रीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के संरक्षक महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के श्रीमहंत ब्रह्मलीन नरेन्द्र गिरि महाराज की संदिग्ध मौत से पूर्व उन्होंने अंतिम बार काशी के एक संत से फोन पर वार्ता की थी। उन्होंने कहाकि नरेन्द्र गिरि की हत्या के मामले में कई लोगों से पूछताछ की जा चुकी है तथा तीन लोग इस मामले में सलाखों के पीछे भी हैं, किन्तु उन्होंने काशी के मणिकर्णिका घाट में रहने वाले संतोष दास से मृत्यु से पूर्व बात की थी। इस मामले में आज तक उनसे कोई पूछताछ नहीं की गयी है।
श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि संतोष दास के कई बड़े राजनेताओं से घनिष्ठ संबंध होने के कारण उनसे कोई पूछताछ करने की हिम्मत नहीं जुटा पा रहा है। उन्होंने कहाकि जब अन्य लोग जिनसे नरेन्द्र का कोई सम्पर्क नहीं था, उनसे पूछताछ हो सकती है तो आखिरी बार फोन पर वार्ता करने वाले संतोष दास को पूछताछ में क्यों शामिल नहीं किया गया। उन्होंने कहाकि नरेन्द्र गिरि की हत्या एक बड़ा षडयंत्र है, जिसमें असली गुनहगारों को बचाने का प्रयास किया जा रहा है।

नरेन्द्र गिरि हत्याकांड़ः- जिससे आखिरी बार वार्ता हुई उससे पूछताछ क्यों नहींः धर्मदत्त महाराज


