हरिद्वार। भाई-बहन के प्यार का प्रतीक रक्षा बंधन का त्योहार 22 अगस्त को मनाया जाएगा। ब्राह्मणों के लिए यह दिन खास होता है। सनातन धर्म में चार वर्णों के हिसाब से चार पर्व बताए गए हैं। जिनमेे वैश्यों के लिए दीपावली, क्षतित्रों के लिए दशहरा, ब्राह्मणों के लिए रक्षा बंध या श्रावणी पर्व तथा शुद्रों के होली का पर्व बताया गया है।
रक्षा बंधन का पर्व शुभ मुहुर्त में मनाया जाना श्रेयस्कर होता है। रक्षा बंधन तभी मनाना चाहिए जब राहु काल व भद्रा न हो।
ज्योतिषाचार्य पं. देवेन्द्र शुक्ल के मुताबिक रक्षा बंधन पर इस बार सुबह 5 बजकर 50 मिनट से लेकर शाम 6 बजकर 03 मिनट तक किसी भी वक्त राखी बांधी जा सकेगी। रक्षा बंधन के दिन सुबह 10 बजकर 34 मिनट तक शोभन योग बना रहेगा। जो कि मांगलिक कार्यों के लिए शुभ माना गया है। वहीं रक्षा बंधन के दिन शाम 7 बजकर 40 मिनट तक धनिष्ठा नक्षत्र है। इसके अलावा सुबह 9 बजकर 34 मिनट से 11 बजकर 07 मिनट तक अमृत मुहूर्त रहेगा और दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 58 मिनट तक अभिजीत मुहूर्त रहेगा। अभिजीत मुहुर्त को उत्तम माना गया है। इस कारण से दोपहर 12 बजकर 04 मिनट से 12 बजकर 58 तक रक्षा बंधन पर्व मनाना सबसे उत्तम रहेगा।


रक्षा बंधनः जाने रक्षा सूत्र बांधने का शुभ मुहुर्त


