हरिद्वार। पूर्व में दो फाड़ हुई अखाड़ा परिषद फिर से टूटने के कगार पर है। दो धड़ों में बंटी अखाड़ा परिषद के एक गुट में से कुछ अखाड़े टूटकर अलग होने की रणनीति पर अमल कर रहे हैं।
विदित हो कि करीब छह माह पूर्व अखाड़ा परिषद दो फाड़ हो गयी थी। अलग होने के बाद दोनों ही गुट स्ंवय को असली अखाड़ा परिषद बताने पर जुटे हुए थे। एक गुट में षडदर्शन साधु समाज के साथ सभी सम्प्रदायों का प्रतिनिधित्व है, जबकि दूसरे गुट में षडदर्शन साधु समाज का साथ नहीं है। हालांकि दो फाड़ होने के बाद से ही दोनों गुटों को एक करने की कवायद शुरू हो गयी थी, किन्तु कुछ स्वार्थी पदाधिकारियों के चलते ऐसा हो ना सका।
अब सूत्र बताते हैं कि दो गुटों में बंटी अखाड़ा परिषद के एक गुट में से कुछ अखाड़े अपना दामन छुड़ाने के चक्कर में हैं और ऐसा शीघ्र होने की उम्मीद है। यदि ऐसा होता है तो एक गुट विशेष में केवल तीन अखाड़े ही साथ रह जाएंगे। इतना ही नहीं तीन में से एक अन्य अखाड़ा भी समय के मुताबिक अपना पासा पलटने के लिए तैयार बैठा है। हालांकि जिन अखाड़ों के टूटने के उम्मीद जतायी जा रही है, उनमें से एक का तो अस्तित्व कुछ खास नहीं है, किन्तु संख्या बल के आधार पर यह दूसरे गुट को अधिक मजबूती प्रदान करेगा। यदि ऐसा होता है तो संतों की राजनीति में बड़ा शह-मात का खेला हो जाएगा।