नरेन्द्र गिरि मौत मामला, अखाड़े से निष्कासित करने की मंशा के संबंध में जांच क्यों नहींः धर्मदत्त महाराज

सीबीआई पर दवाब में काम करने का लगाया आरोप, चार्ज सीट से संतुष्ट नहींे
हरिद्वार।
विश्वगुरु भारत परिषद के अन्तराष्ट्रीय अध्यक्ष व अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा के संरक्षक महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के श्रीमहंत ब्रह्मलीन नरेन्द्र गिरि महाराज की संदिग्ध मौत के मामले में सीबीआई द्वारा कोर्ट में पेश की गयी चार्ज सीट से वे संतुष्ट नहीं हैं। उनका कहना कि सीबीआई की जांच यूपी व उत्तराखण्ड सरकार के दवाब से प्रभवित है।
महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि हत्याकांड के मुख्य आरोपियों को बचाने का कार्य किया जा रहा है। जिस व्यापक स्तर से मामले की जांच की जानी चाहिए थी, वह नहीं हुई। उन्होंने कहाकि सीबीआई ने अपनी चार्ज सीट में तीनों आरोपियों पर आत्महत्या के लिए उकसाने के प्रयास का आरोप लगाया है, जिससे स्पष्ट है कि उन्होंने आत्महत्या की। महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि यदि नरेन्द्र गिरि ने आत्महत्या की है तो आत्महत्या के पीछे के कारणों को भी सीबीआई को सामने लाना चाहिए। वहीं नरेन्द्र गिरि को अखाड़े से बाहर किए जाने की भी संत समाज में चर्चा थी, किन्तु सीबीआई ने इस संबंध में कोई जांच नहीं की। महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि हो सकता है कि नरेन्द्र गिरि को अखाड़े से निष्कासित किए जाने की भनक लग गयी हो और उन्होंने इस कारण से आत्मघाती कदम उठाया हो। उनका कहना है कि अखाड़े से निकाले जाने पर उनका जहां अखाड़ा परिषद अध्यक्ष पद चला जाता तो वहीं समाज में अखाड़े से बाहर किए जाने पर बदनामी होती। जिस कारण से उन्होंने आत्मघाती कदम उठाया और षडयंत्रकारियों ने आनन्द गिरि समेत अन्य दो लोगों को फंसाने का काम किया हो। महास्वामी श्रीमद् धर्मदत्त महाराज ने कहाकि अखाड़े से बाहर किए जाने के प्रयास के पीछे क्या कारण थे, जांच एजंेसी ने इस पर कोई जांच नहीं की। उन्होंने कहाकि सत्य सामने लाने के लिए सीबीआई को निष्पक्ष तरीके से जांच करनी चाहिए। जिससे इस षडयंत्र पर से पर्दा उठ सके।

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