शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती महाराज के ब्रह्मलीन होने के बाद गद्दी को लेकर उपजा विवाद थमने का नाम नहीं ले रहा है। स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती ने ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को जोशीमठ में हो रहे भूं धंसाव से आ रही आपदा का जिम्मेदार बताया।
उन्होंने ज्योतिष्पीठ के शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद को फर्जी बाताया। उन्होंने कहा कि अविमुक्तेश्वरानंद ज्योतिषपीठ पर कब्जा करने की कोशिश कर रहे हैं। स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती ने कहा कि बीते दिनों जोशीमठ में एक फर्जी कार्यक्रम का आयोजन किया गया। उन्होंने कहाकि अविमुक्तेश्वरानंद ने सुप्रीम कोर्ट तक में झूठ बोला। जिसके कारण सुप्रीम कोर्ट को उनके कार्यक्रम पर रोक लगानी पड़ी। उन्होंने कहा कि अखाड़ा वालों ने भी अविमुक्तेश्वरानंद का बहिष्कार किया है। स्वामी स्वरूपानंद ने अपने जीवनकाल में कभी किसी को उत्तराधिकारी नहीं बनाया, न ही उन्होंने किसी का अभिषेक किया। उन्होंने कभी किसी को भी शंकराचार्य घोषित नहीं किया है।
स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती ने कहाकि अविमुक्तेश्वरानंद के कारण ही जोशीमठ में यह आपदा आई है। उन्होंने कहा जोशीमठ को कोई बड़ा खतरा नहीं है। समय के साथ सब कुछ ठीक हो जायेगा। स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती ने कहा अविमुक्तेश्वरानंद संत के योग्य नहीं हैं। वे अपराधी हैं।
बता दें बीते गुरुवार को जोशीमठ आपदा क्षेत्रों का दौरा करने पहुंचे मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी नरसिंह मंदिर में पूजा अर्चना करने गए थे, उनके साथ पूजा में स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती भी मौजूद थे। इसकी सूचना जब जोतिष्पीठ शंकराचार्य स्वामी अविमुक्ताश्वरानंद के शिष्य ब्रह्मचारी मुकुंदानंद सरस्वती को हुई तो वे भी वहां पहुंचे। जहां स्थानीय लोगो ने ब्रह्मचारी मुकुंदानंद सरस्वती को बताया कि स्वामी गोविन्दानंद स्वरस्वती ने शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के लिए अपशब्दों का प्रयोग किया है। जिसके बाद स्थानीय लोग स्वामी गोविन्दानंद सरस्वती का विरोध करने लगे। मामला बिगड़ता देख पुलिस ने बीच बचाव कर मामला शांत करवाया।