गर्भ में आहार केंद्र सिर्फ नाभि है।
बड़े होकर हमने उसे भुला दिया, न कभी तेल डालते हैं न कभी पानी। तीव्र चिकित्सा के कुछ उपाय यहां बताये जा रहे हैं।
उच्च रक्तचाप
कितना भी रक्तचाप बढा हुआ हो, कलमी शोरा 10 मिली गंगाजल में घोल लें, रुई में भिगोकर नाभि पर रख दें, 15 मिनट में रक्तचाप कम हो जाएगा।
मासिक धर्म
मासिक धर्म के अनेक तकलीफों में रुई को ब्रांडी में भिगोकर नाभि पर रखे तुरंत लाभ आएगा।
सर्दी जुखाम
रुई को अल्कोहल ( शराब) में भिगोकर नाभि पर रखें, तुरंत लाभ मिलेगा।
कील, मुहासे, झाइयां, पिम्पल
शुद्ध नीम के तेल की कुछ बूंदे नाभि में रोज मले, सब गायब हो जायेंगे।
प्रजजन क्षमता के लिए
जैतून की बूंदे नाभि में डालकर मालिश करें, क्षमता बढ़ेगी।
दस्त
नाभि के चारों तरफ आवंला कूटकर एक घेरा बना दें, 1 चम्मच अदरक का रस नाभि में डाल दे, 10 मिनट में दस्त ठीक होंगे।
बालों की समस्या
नाभि में शुद्ध घी या शुद्ध तेल रोज मालिश करें।
Dr. (Vaid) Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
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