हरिद्वार। जागरूकता का संकल्प लेकर किया जाने वाला कार्य समाज में जागृति पैदा करता है। सामाजिक कार्यों को एक टास्क मानकर किया गया कार्य सफलता के मुकाम पर पहुंचने पर व्यक्ति को उल्लास एवं सम्मान प्रदान करता है। गुरूकुल कांगडी समविश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग में 1 दिसम्बर विश्व एडस दिवस के अवसर पर आयोजित जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन किया।
कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि एवं रेडक्रास सोसायटी के सचिव प्रो. नरेश चौधरी एवं योग एवं शारीरिक शिक्षा संकाय के डीन प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने किया। कार्यक्रम मे मुख्य वक्ता प्रो. नरेश चौधरी ने कहा कि युवाओं की जागरूक से जटिल समस्याओं का समाधान प्राप्त करना संभव है। विश्व एड्स दिवस के अवसर पर एड्स के प्रति छात्रों को जागरूक करते हुये प्रो. चौधरी ने कहा कि एचआईवी वायरस को फैलाने में संक्रमित सुई का लगाया जाना जिम्मेदार बताया जाता है, जिसमें सबसे ज्यादा ड्रग लेने वाले लोगों का विस्तार है। इसके अलावा संक्रमित सुई से इंजेक्शन लगवाने संक्रमित रक्त से भी एचआईवी फैलता है।
अध्ययन बताते हैं कि एचआईवी से ग्रसित लोगों में 85 प्रतिशत अनियमित यौन संबंधों के कारण इस बीमारी का शिकार बने। और सबसे अहम बात यह है कि जैसे कोरोना वायरस का कोई इलाज अभी तक नहीं ढूंढा जा सका है, वैसे ही एचआईवी वायरस का भी कोई इलाज नहीं है। सिर्फ इस वायरस के दबाव को कम किया जा सकता है।
डीन प्रो. सुरेन्द्र कुमार ने कहा कि संक्रमण का आहार के साथ गहरा संबंध है। आहार व्यक्ति में रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढाता है। नियमित दिनचर्या में योग को आवश्यक बताते हुये उन्होंने कहा कि वायु का विस्तार, प्राण का विस्तार है। प्राणायाम के माध्यम से सभी व्याधियों का उपचार संभव है। प्रभारी डॉ. अजय मलिक ने कहॉ कि एडस को रोकने मे जागरूकता का बडा महत्व है। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने कहाकि भारत विश्व में एचआईवी एड्स के मामले में तीसरे नंबर पर खड़ा है। अब समाज में विश्वास और एक दूसरे के लिए संबंधों के जीने का ताना-बाना खत्म हो रहा है और इस खात्मे के साथ.साथ व्यक्तिगत जीवन की निजता गोपनीयता जैसे शब्दों ने हमें जिस ओर धकेला वह एड्स बनकर हमारे सामने आया। एड्स के प्रति जगरूकता कार्यक्रम मंे डॉ. कपिल मिश्रा, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. सुनील कुमार, कनिक कौशल, अश्वनी कुमार, सुरेन्द्र सिंह, मुनेश, कुलदीप, राजेन्द्र सिंह आदि उपस्थित रहे। एमपीएड, बीपीएड, बीपीईएस तथा बीए के छात्रों ने कार्यक्रम मे भाग लिया।