हरिद्वार। महामहिम राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु उत्तराखण्ड के दो दिवसीय दौरे पर पहली बार प्रदेश की राजधानी देहरादून में 8 दिसम्बर को आ रही है। इस दौरान राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु को उत्तराखंड की समृद्ध लोक विरासत से भी परिचित कराया जाएगा। उनके सम्मुख पांच क्षेत्रों से जुड़ी सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी जाएंगी। साथ ही उनके भोजन में उत्तराखंडी व्यंजनों को भी शामिल किया जाएगा।
राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मु का पद ग्रहण करने के बाद उत्तराखंड का पहला दौरा है। ऐसे में उनके स्वागत के लिए शासन व प्रशासन जोर-शोर से जुटा हुआ है। राष्ट्रपति के कार्यक्रम का हिस्सा बनने के लिए जहां राजनेता शिकरत करेंगे वहीं कुछ भगवाधारियों को भी आमंत्रित किया गया है। सूत्र बताते हैं कि करीब 2 दर्जन भगवाधारी राष्ट्रपति के कार्यक्रम में मौजूद रहेंगे। सूत्रों के मुताबिक जिन भगवाधारियों को आमंत्रित किया गया है, उनमें कई पर बलात्कार, अपहरण, धोखाधड़ी, न्यायालय की अवमानना के आरोप हैं। कई पर न्यायालय में मुकद्में भी विचाराधीन हैं। राष्ट्रपति के कार्यक्रम में ऐसे लोगों को आमंत्रित करना गंभीर बात है।
आश्चर्य की बात यह कि वीवीआईपी के कार्यक्रम में शिरकत करने वालों की पूरी तरह से जांच-पड़ताल की जाती है। जिस कार्यक्रम में वीआईपी के लिए भी पहुंचना बिना इजाजत मुमकिन ना हो वहां ऐसे गंभीर आरोपियों को आमंत्रित करना अपने आप में आश्चर्य की बात है। इसके साथ ही एलआईयू और आईबी ने अपनी रिपोर्ट क्यों नहीं दी। यहां तक की एक नेता या मंत्री के उन लोगों के यहां जाने पर भी प्रोटोकॉल के मुताबिक मनाही होती है, जिस पर गंभीर प्रवृत्ति के आरोप लगे हों, किन्तु यहां मामला तो महामहिम राष्ट्रपति का है। ऐसे में जिन लोगों पर गंभीर आरोप लगे हो और मामले न्यायालय में विचाराधीन हों, उनको आमंत्रित करना अपने आप में आश्चर्य की बात है। सबसे आश्चर्य की बात तो यह की एक संतरी से लेकर मंत्री और मुख्यमंत्री भी इस बात हो जानते हैं कि आमंत्रित किए जाने वालों का चाल और चरित्र कैसा है, बावजूद इसके ऐसे लोगों को आमंत्रित किया गया है।
मजेदार बात यह कि आरोपों से घिरे ऐसे व्यक्ति कार्यक्रम में शामिल होने के बाद सोशल मीडिया व अन्य माध्यमों से महामहिम द्वारा गुरुजी से आशीर्वाद लेते हुए आदि स्लोगन के साथ स्वंय का महिमामंडन कर आम जनमानस में प्रभाव बनाने की कोशिश करेंगे, जैसा की पूर्व मे होता आया है।
उधर महामहिम राष्ट्रपति के आठ दिसंबर को देहरादून आगमन पर शाम को सांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया जाएगा। इसमें राष्ट्रपति के समक्ष उत्तराखंड की संस्कृति की झलक प्रस्तुत की जाएगी। इसमें पांच सांस्कृतिक दल अपनी प्रस्तुतियां देंगे, जिनमें गढ़वाल, कुमाऊं, जौनसौर, रं समुदाय और थारू समुदाय की सांस्कृतिक प्रस्तुतियां शामिल होंगी। सांस्कृतिक कार्यक्रमों की शुरुआत शगुनाखर से होगी। मुख्यमंत्री आवास में होने वाले इस स्वागत कार्यक्रम की तैयारियों के संबंध में अपर मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कार्यक्रम स्थल पहुंचकर समीक्षा की। उन्होंने संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए कि राष्ट्रपति के आगमन से संबंधित सभी व्यवस्थाएं समय से पूर्ण कर ली जाएं। उन्होंने राष्ट्रपति के आगमन के दौरान प्रस्तुत किए जाने वाले सांस्कृतिक कार्यक्रमों के पूर्वाभ्यास का भी निरीक्षण किया।