गरीब-असहाय बच्चों की जिंदगी को रोशन कर रहा है हरिद्वार पुलिस का ऑपरेशन मुक्ति अभियान

भिक्षा नहीं शिक्षा के नारे से शुरू हुआ अभियान

हरिद्वार। जरूरी नहीं रोशनी चिरागों से ही हो, शिक्षा से भी घर रोशन होते हैं। यह सोच है हरिद्वार पुलिस और उसके मुखिया वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय सिंह की। इसी के तहत हरिद्वार पुलिस भिक्षावृत्ति और बालश्रम कर रहे 475 बच्चों का सत्यापन कर इनमें से 263 को स्कूलों में दाखिल करा चुकी है। पुलिस का यह ऑपरेशन मुक्ति अभियान ऐसे गरीब-असहाय बच्चों के चेहरे पर खुशी तो ला ही रहा है, उनकी जिंदगी को भी रोशन कर रहा है।

हरिद्वार के पुलिस कप्तान अजय सिंह ने बताया कि भिक्षावृत्ति, कूड़ा बीनने, गुब्बारे बेचने जैसे कार्यों में लिप्त बच्चों को समाज की मुख्यधारा में जोड़कर उनके लिए शिक्षा के द्वार खोलने जनपद हरिद्वार में 4 अलग-अलग टीमें गठित की गयीं। श्भिक्षा नहीं, शिक्षा देंश् थीम के तहत चलाए गए ऑपरेशन मुक्ति के लिए गठित इन टीमों ने मार्च के महीने में चलाये गए प्रथम चरण में पूर्व में सत्यापित कुल 638 बच्चों का पुनः सत्यापन किया तो 132 बच्चे विद्यालयों में अध्ययनरत थे। शेष बचे 506 बच्चों में से पुलिस मात्र 79 बच्चों की ही तलाश कर पाई और इनके अभिभावकों व बच्चों की काउंसलिंग के पश्चात इन्हें स्कूलों में प्रवेश दिलाया गया। पता चला कि बाकी बच्चे खानाबदोश परिवारों के थे जो अब हरिद्वार से पलायन कर अन्यत्र जा चुके हैं।


कप्तान अजय सिंह ने बताया कि 01 अप्रैल से शुरू किए गए अभियान के द्वितीय चरण में टीमों ने ऑपरेशन मुक्ति अभियान के प्रचार प्रसार को लगातार बस्तियों, कॉलोनियों, गांवों एवं विद्यालय में जाकर गोष्ठियों, लघु गोष्ठियों का आयोजन कर रही है। छात्र-छात्राओं को बाल श्रम, बाल भिक्षावृत्ति, बालविवाह, बन्धुआ मजदूरी, साईबर अपराध से सम्बंधित जानकारी (1930),चाइल्ड हेल्पलाइन नम्बर 1098, महिला हेल्प लाइन नम्बर 1090, महिला उत्पीड़न और मानव अंगों की तस्करी के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त रेलवे पुलिस बल भी हरिद्वार पुलिस के साथ समन्वय स्थापित कर रेलवे स्टेशन व बस स्टेशन में भी भिक्षा नही शिक्षा अभियान चलाकर आने जाने वाले यात्रियों को जागरूक कर रही है।

उन्होंने बताया कि जनपद के विभिन्न धार्मिक स्थलों, स्कूल, कालेज और सार्वजनिक स्थानों पर नुक्कड़ नाटक, शार्ट फिल्म, पोस्टर, बैनर के माध्यम से आमजन को असहाय और गरीब बच्चों को भिक्षा के बजाए शिक्षा देने के लिए प्रेरित करते हुए जनपद में 475 नए बच्चों को चिन्हित कर सत्यापन अभियान चलाया गया तथा इनमें से 263 बच्चों का जनपद के अलग-अलग प्राथमिक विद्यालय, आंगनबाड़ी में दाखिला कराया गया।


इस दृष्टि से एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट द्वारा 01 मार्च से अभी तक घर से भाग कर आए 12 बच्चों का रेस्क्यू कर उक्त में से 11 बच्चों को सकुशल उनके परिजनों के सुपुर्द किया जा चुका है। शेष 01 बच्चे को बाल संरक्षण गृह में दाखिल कर परिजनों की तलाश की जा रही है।

उन्होंने पुलिस के किए जा रहे इस नेक कार्य की प्रशंसा करते हुए कहा कि इससे गरीब, असहाय और मजबूर बच्चों के चेहरों पर खुशी लाने का काम हो रहा है।

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