हर्ष विद्या मन्दिर कॉलेज में दो दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन

देश के कई शिक्षा विद्वानों ने लिया प्रतिभाग


विनोद धीमान
हरिद्वार।
लक्सर के रायसी गांव स्थित हर्ष विद्या मंदीर पीजी कालेज में भारतीय सामाजिक विज्ञान अनुसंधान परिषद नई दिल्ली के नेतृत्व में आधुनिक भारतीय युवा और सांस्कृतिक विरासत से दूरियां को लेकर एक दो दिवसीय संगौष्ठी का आयोजन किया, जिसमें दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार राज्यों से आए हिन्दी के विद्वान व शिक्षाविद् मौजूद रहे। कार्यक्रम का शुभारम्भ मुख्य अतिथि संजीव कुमार शर्मा व विशेष अतिथि रामानंद शर्मा, डॉ. मोनू सिहं डॉ. निधि शर्मा ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ. केपी सिंह और संचालन कालेज की डॉ. पूनम चौधरी और डॉ. स्मृति कुकशाल ने किया। कार्यक्रम के दौरान सांस्कृतिक विरासत को लेकर सभी ने अपने-अपने विचार व्यक्त किये।

भारतीय संस्कृति से आज के युवाओं की दूरियां बनाते हुए कहा कि भारतीय संस्कृति विश्व की सभी संस्कृतियों से प्रभावशाली है। इसमें कई संस्कृतियां आई और विलीन हो गई। भारतीय संस्कृति ने कई संस्कृतियों को अपने अंदर समाहित किया है। इसकी सबसे बड़ी महानता यह है कि यह एकता में विश्वास रखती है। भारतीय संस्कृति को मिटाने के लिए सहस्त्रांे वर्षों में भारी प्रयास किए गए, लेकिन इसकी महानता के चलते इसकी एकता के चलते सभी संस्कृतियों को भारतीय संस्कृति में ही समाहित होना पड़ा। कई तरह के युद्ध हुए अभियान छेड़े गए, लेकिन कहीं भी भारतीय संस्कृति को कोई भी संस्कृति नुकसान नहीं पहुंच पाई। भारतीय संस्कृति आज भी सबसे प्रभावशाली संस्कृति है। सभी विद्वानों कवियों ने आज की युवा को भारतीय संस्कृति को अपनाने की बात कही।


कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे डॉ. केपी सिंह ने बताया कि क्षेत्र में पहले कोई भी कालेज नहीं था। क्षेत्र के बच्चों को शिक्षा के लिए हरिद्वार या रुड़की जाते थे। दूरी होने के कारण यहां के बच्चे उच्च शिक्षा से वंचित रह जाते हैं। 1996 में क्षेत्र का पहला कालेज हर्ष विद्या मंदिर की स्थापना की, जिसमें आर्ट्स, साईंस और कोमर्स के विषय से संचालित हुआ है। आज कालेज की ही देन है, जो आज सास्कृतिक विरासत को लेकर संगोष्ठी में कई राज्यों से आए महान विद्वानों के दर्शन हुए, उनके विचार सुने। उन्होंने कहा कि हम सबको अपनी संस्कृति को नहीं भूलना चाहिए। हम सब वेस्टर्न कल्चर अपनाते जा रहे हैं, जिस कारण धर्म की व संस्कृति की हानि हो रही है।


इस दौरान कालेज के प्राचार्य डॉ. अजीत कुमार राव, विषय प्रवेश डॉ. विक्रम सिंह संयोजक राष्ट्रीय संगौष्ठी, डॉ. मोनू सिहं हिंदी विभाग राजकीय महाविद्यालय छपरोली बागपत, डॉ. रामानंद शर्मा पूर्व प्राचार्य हिन्दू कालेज मुरादाबाद, प्रोफेसर संजीव कुमार शर्मा महात्मा गॉंधी केंद्रीय विश्व विद्यालय मोतीहारी बिहार, डॉ. केपी सिंह अध्यक्ष प्रबंधन समिति, डॉ. कृष्णा शर्मा व नीरज कुमार सिंह सह आचार्य एनआरईसी कालेज बुलंदशहर, प्रोफेसर अंजु दूबे डीएवी कालेज बुलंदशहर, डॉ. पूनम चौधरी, डॉ. राजेश कुमार, डॉ. विपिन कुमार चुडियाला हरिद्वार आदि एवं कालेज का स्टाफ व छात्र-छात्राएं उपस्थित रहे।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *