हरिद्वार। मुख्य संगठक महानगर कांग्रेस सेवादल के अतिरिक्त अध्यक्ष मोनिक धवन कहाकि पर्यावरण लिए सबसे बड़े खतरों में से एक सिंगल यूज प्लास्टिक के उत्पादन को लेकर कोताही बढ़ती जा रही है। पर्यावरण रक्षा की जोर शोर से बात करने वाले विकसित देश गरीब देशों के मुकाबले इसका कहीं ज्यादा इस्तेमाल करते हैं। कई देशों में सरकारी बड़े उत्पादक हैं। चीन और सऊदी अरब समेत कई देशों में 40 फीसदी सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादन सरकारों के हाथ में है। अमेरिका में सिर्फ 8 फीसदी प्लास्टिक की रिसाइकल हो पाता है। पर्यावरण रक्षा संगठनों द्वारा लोगों में प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करने की अपील का कोई खास असर नहीं हुआ है। दुनिया में बड़ी चुनौती यह है कि ज्यादातर अर्थव्यवस्थाएं प्लास्टिक के उत्पादन को प्रोत्साहित करती हैं।
उन्होंने कहाकि प्लास्टिक का अर्थ है प्रकृतिक वातावरण और वायुमंडल का दोष पूर्ण होना। प्रगति का उसका वातावरण जो अपने स्वभाव से शुद्ध निर्मल और स्वास्थ्य पद है। यदि वह किन्ही कारणों से दूषित हो जाते हैं तो स्वभावत मानवता के स्वस्थ विकास के लिए अनेक प्रकार के खतरे उत्पन्न हो जाया करते हैं। उन्होंने कहाकि दूषित वातावरण अनेक प्रकार की ज्ञात अज्ञात रोग उत्पन्न करके मानव तो क्या सभी जीव धारियों की सांसो में उनका अदृश्य विष घोल रहा है। धवन ने कहाकि भाजपा सरकार को प्लास्टिक के ऊपर कड़े कदम उठाते हुए नया सब्सीट्यूट ढूंढना चाहिए और जो इससे आम जनता को परेशानी हो रही है उससे निजात दिलानी चाहिए। उन्होंने कहाकि प्लास्टिक को बैन करने से कुछ नहीं होगा। प्लास्टिक की फैक्ट्री ही बैन करनी पड़ेगी। भाजपा सरकार द्वारा जो छोटे-छोटे दुकानदार हैं उनके ऊपर सख्ती बरती जाती है, इससे कुछ नहीं होगा। हमें पूरे देश में प्लास्टिक की फैक्ट्रियों को बंद करके इसकी जगह नया संसाधन ढूंढना होगा। उन्होंने कहाकि हमारी प्रकृति और पर्यावरण को नुकसान ना पहुंचे भाजपा सरकार इस मामले में सुस्त नजर आ रही है। उसे इसके लिए कठोर कदम उठाने पड़ेंगे जिससे भारत आगे भविष्य सुधर सके।

सिंगल यूज प्लास्टिक उत्पादन को लेकर बढ़ती जा रही कोताहीः मोनिक धवंन


