उत्तराखंड में लगातार कोरोना के मामलों में इजाफा हो रहा है। माना जा रहा है कि प्रदेश में कोरोना की तीसरी लहर की दस्तक हो चुकी है। बावजूद इसके अस्पतालों में सुविधाओं का अभाव है। ऐसा ही कुछ हाल रुड़की सिविल अस्पताल का है। जहां अस्पताल में आईसीयू की सुविधा तो है, लेकिन उसे ऑपरेट करने वाला प्रशिक्षित स्टाफ तैनात नहीं है। ऐसे में अस्पताल का आईसीयू, स्टाफ की कमी के चलते मात्र शो पीस बनकर रह गया है। अस्पताल प्रशासन कई बार पर्याप्त स्टॉफ की मांग कर चुका है, लेकिन अभी तक स्टाफ उपलब्ध नहीं हो पाया है।
स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही कोरोना के मरीजों पर भारी पड़ सकती है। लगातार बढ़ रहे कोरोना मरीजों की संख्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग पूरी तैयारी का दावा तो कर रहा है, लेकिन रुड़की सिविल अस्पताल में बने आईसीयू वार्ड में स्टाफ की भारी कमी उन दावों की पोल खोलने के लिए काफी है। आईसीयू स्टाफ न होने के चलते मरीजों को परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है। रुड़की सिविल अस्पताल के सीएमएस डॉक्टर संजय कंसल का कहना है कि अस्पताल प्रबंधन कोरोना की बढ़ती संख्या को लेकर अलर्ट मोड़ पर है। रुड़की अस्पताल में 40 बेड की व्यवस्था की गई है। वहीं, रुड़की के शहरी क्षेत्र में 173 कोरोना के एक्टिव मामले हैं।जिसमें 30 आईआईटी रुड़की के छात्र हैं, लेकिन अभी कोई भी मरीज अस्पताल में भर्ती नहीं किया गया है। बरहाल, ऐसे में कई सवाल भी उठ रहे हैं कि यदि कोई मरीज अस्पताल में भर्ती होता है तो उसे उपचार मिल पाता है या रेफर किया जाता है। फिलहाल, स्वास्थ्य विभाग खुद को अलर्ट रहने का दावा कर रहा है।

आईसीयू सुविधा से लैस हुआ सिविल अस्पताल, स्टाफ की कमी बन सकती है समस्या


