हरिद्वार। नवरात्रि के आठवें दिन यानी अष्टमी तिथि पर मां दुर्गा की विशेष पूजा का विधान है। इस बार यह 9 अप्रैल को है। अष्टमी तिथि देवी महागौरी का दिन है। नवरात्रि में अष्टमी और नवमी विशेष दिन होते हैं। इन दिनों में कन्या पूजन और देवी को प्रसन्न करने के लिए विशेष पूजा और हवन करवाए जाते हैं। ज्योतिषाचार्य पं. देवेन्द्र शुक्ल शास्त्री ने बताया कि मार्कंडेय पुराण में अष्टमी तिथि को देवी पूजा का महत्व बताया गया है। जिसके मुताबिक अष्टमी पर देवी पूजा करने से हर तरह की परेशानी दूर हो जाती है और घर में कभी दरिद्रता भी नहीं आती। नवरात्रि में अष्टमी तिथि का विशेष महत्व होता है। इस साल अष्टमी 9 अप्रैल को मनाई जाएगी। कुछ लोग अष्टमी तिथि को ही कन्या पूजन के साथ व्रत पारण करते हैं। जबकि कुछ लोग राम नवमी के दिन कन्या पूजन करके व्रत पारण करते हैं। नवरात्रि के आठवें दिन को अष्टमी तिथि कहा जाता है। इस दिन मां दुर्गा के आठवें स्वरूप महागौरी की पूजा का विधान है। इस साल अष्टमी तिथि 9 अप्रैल को पड़ रही है। इस दिन कन्या पूजन के साथ हवन करके व्रत पारण किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि शुक्ल पक्ष अष्टमी 08 अप्रैल को रात 11.05 मिनट से शुरू होगी, जो कि 10 अप्रैल को सुबह 01.24 मिनट पर समाप्त होगी। अभिजीत मुहूर्त 09 अप्रैल को दोपहर 12.03 मिनट से 12.53 मिनट तक रहेगा। अमृत काल 09 अप्रैल को सुबह 01.50 मिनट से 03.37 मिनट तक रहेगा। ब्रह्म मुहूर्त सुबह 04.39 मिनट से सुबह 05.27 मिनट तक रहेगा। बताया कि चैत्र नवरात्रि की अष्टमी तिथि को दिन का शुभ मुहूर्त 11.58 मिनट से 12.48 मिनट तक है। इस समय कन्या पूजन किया जा सकता है। किसी कारण से इस दिन कन्या पूजन न भी कर पाएं तो बाद में भी किया जा सकता है। इसके लिए अष्टमी पर कन्या पूजन का संकल्प लें। अष्टमी को विविध प्रकार से मां शक्ति की पूजा करें। इस दिन देवी के शस्त्रों की पूजा करनी चाहिए। इस तिथि पर विविध प्रकार से पूजा करनी चाहिए और विशेष देवी की प्रसन्नता के लिए हवन करवाना चाहिए। इसके साथ ही 9 कन्याओं को देवी का स्वरूप मानते हुए भोजन करवाना चाहिए। ज्योतिष में अष्टमी तिथि को बलवती और व्याधि नाशक तिथि कहा गया है। इसके देवता शिवजी हैं। इसे जया तिथि भी कहा जाता है। नाम के अनुसार इस तिथि में किए गए कामों में जीत मिलती है। इस तिथि में किए गए काम हमेशा पूरे होते हैं। अष्टमी तिथि में वो काम करने चाहिए जिसमें विजय प्राप्त करनी हो। शनिवार को अष्टमी तिथि का होना शुभ माना जाता है। मां दुर्गा का पूजन अष्टमी व नवमी को करने से कष्ट और हर तरह के दुःख मिट जाते हैं और शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती।

दुर्गाष्टमी शनिवार को, जानिए क्या है पूजा का शुभ मुहुर्त


