गर्मियों में क्यों खाएं खीरा, जानिए 8 बड़े कारण

गर्मी के मौसम में खीरा खाना सेहत के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। खीरे में विटामिन ए, बी1, बी6 सी, डी पोटैशियम, फॉस्फोरस, आयरन आदि पाए जाते हैं। नियमित रूप से खीरे का जूस शरीर को ताकतवर बनाता है। खीरा कब्ज से मुक्ति दिलाता है। यह पानी का बहुत अच्छा स्रोत होता है, इसमें 96 प्रतिशत पानी होता है।
खीरे में इरेप्सिन नामक एंजाइम होता है, जो प्रोटीन के पाचन में मददगार होता है। इसे खाने से बाल स्वस्थ रहते हैं। खीरे का जूस दांत के कीड़ों को खत्म करता है। गैस, एसिडिटी, छाती की जलन जैसी समस्याओं में नियमित रूप से खीरा खाना लाभप्रद होता है। जो लोग मोटापे से परेशान रहते हैं, उन्हें सुबह के समय इसका सेवन करना चाहिए।

खीरे में नमक, काली मिर्च और नींबू डालकर खाने से ये स्वादिष्ट तो लगता ही है, साथ ही खाना पचाने में मदद करता है। खीरे के रस में दूध, शहद व नींबू मिलाकर चेहरे और हाथ-पैर पर लगाने से स्किन स्मूथ् और शाइनी हो जाती है। खीरा खाने के और भी कई फायदे हैं। चलिए, आज जानते हैं रोजाना खीरा खाने से होने वाले फायदों के बारे में…

  1. खीरा खाने से कब्ज दूर होती है। यह पीलिया, प्यास, बुखार और शरीर की जलन व गर्मी के सारे दोषों को दूर करता है। खीरे से शरीर में पानी की मात्रा बढ़ती है। इसका रस पथरी में भी लाभदायक होता है।
  2. खीरे को अधिक मात्रा में खाने पर शरीर से विषैले पदार्थ बाहर निकल जाते हैं. कुछ लोगों का मानना है कि रोज खीरा खाने से गुर्दे की पथरी खत्म हो जाती है।
  3. खीरे में पौटेशियम और सिलीकॉन ज्यादा मात्रा में होता है. ये दोनों ही खनिज स्वस्थ त्वचा के लिए बहुत जरूरी हैं।
  4. खीरे को स्लाइस की तरह काटकर आंखों के ऊपर रखें. इससे आंखों को ठंडक मिलती है. खीरे की तासीर जलन कम करने की होती है।
  5. खीरा खाने से कैंसर होने की आशंका कम हो जाती है. खीरे में साइकोइसोलएरीक्रिस्नोल, लैरीक्रिस्नोल और पाइनोरिस्नोल जैसे तत्व होते हैं. ये तत्व सभी तरह के कैंसर के रोकथाम में कारगर हैं।
  6. खीरे के रस में वो तत्व हैं जो पैनक्रियाज को सक्रिय करते हैं। पैनक्रियाज सक्रिय होने पर शरीर में इंसुलिन बनता है जो कि मधुमेह से लड़ने में मदद करता है।
  7. खीरा खाने से कोलस्ट्रोल का स्तर कम होता है. इससे दिल से संबंधित रोग होने की आशंका भी कम हो जाती है।
  8. खीरे में सीलिशिया प्रचूर मात्रा में होता है. जिससे जोड़ों को मजबूती मिलती है और टिशू परस्पर मजबूत होते हैं। इसलिए यह गठिया रोगियों के लिए लाभदायक है।

Vaid Deepak Kumar, Adarsh Ayurvedic Pharmacy, Kankhal Hardwar* aapdeepak.hdr@gmail.com, 9897902760

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