कब्ज की समस्या है तो अपनाएं ये प्राकृतिक उपचार

कब्ज होने का अर्थ है आपका पेट ठीक तरह से साफ नहीं हुआ है या आपके शरीर में तरल पदार्थ की कमी है। कब्ज के दौरान व्यक्ति तरोजाता महसूस नहीं कर पाता। अगर आपको लंबे समय से कब्ज रहता है और आपने इस बीमारी का इलाज नहीं कराया है तो ये एक भयंकर बीमारी का रूप ले सकती है। कब्ज होने पर व्यक्ति को पेट संबंधी दिक्कतें भी होती हैं, जैसे पेट दर्द होना, ठीक से फ्रेश होने में दिक्कत होना, शरीर का मल पूरी तरह से न निकलना इत्यादि। कब्ज के लिए प्रभावी प्राकृतिक उपचार तो मौजूद हैं ही साथ ही इस उपचार के माध्यम से भी कब्ज को दूर किया जा सकता है।

आइए जानें कब्ज के लिए कौन-कौन से आयुर्वेदिक उपचार मौजूद हैं।

कब्ज होने पर अधिक मात्रा में पानी पीने की सलाह दी जाती है। गर्म पानी पीने से फायदा होता है। पानी की कमी से आंतों में मल सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। इसलिये कब्ज से परेशान रोगियों के लिये सर्वोत्तम सलाह तो यह है कि मौसम के मुताबिक 24 घंटे में 3 से 5 लिटर पानी पीने की आदत डालना चाहिये।सुबह उठते ही सवा लीटर पानी पीयें। फिर 3-4 किलोमिटर तेज चाल से भ्रमण करें। शुरू में कुछ अनिच्छा और असुविधा महसूस होगी लेकिन धीरे-धीरे आदत पड जाने पर कब्ज जड से मिट जाएगी।

कब्ज के रोगी को तरल पदार्थ व सादा भोजन जैसे दलिया, खिचड़ी इत्यादि खाना चाहिए।

कब्ज के दौरान कई बार सीने में भी जलन होने लगती हैं।ऐसे में एसीडिटी होने और कब्ज होने पर शक्कर और घी को मिलाकर खाली पेट खाना चाहिए।

हरी सब्जियों और फलों जैसे पपीता, अंगूर, गन्ना, अमरूद, टमाटर, चुकंदर, अंजीर फल, पालक का रस या कच्चा पालक, किश्मिश को पानी में भिगोकर खाने, रात को मुनक्का खाने से कब्ज दूर करने में मदद मिलती है।

दरअसल, पानी और तरल पदार्थों की कमी कब्ज का मुख्य कारण है। तरल पदार्थों की कमी से मल आंतों में सूख जाता है और मल निष्कासन में जोर लगाना पडता है। जिससे कब्ज रोगी को खांसी परेशानी होने लगती है।

इसबगोल की की भूसी कब्ज में परम हितकारी है। दूध या पानी के साथ 2-3 चम्मच इसबगोल की भूसी रात को सोते वक्त लेना फायदे मंद है। दस्त खुलासा होने लगता है। यह एक कुदरती रेशा है और आंतों की सक्रियता बढाता है।

खाने में हरे पत्तेदार सब्जियों के अलावा रेशेदार सब्जियों का सेवन खासतौर पर करना चाहिए। इससे शरीर में तरल पदार्थों में बढ़ोत्तरी होती है।

चिकनाई वाले पदार्थ भी कब्ज के दौरान लेना अच्छा रहता है।
गर्म पानी और गर्म दूध कब्ज दूर करते हैं। रात को गर्म दूध में केस्टनर यानी अरंडी का तेल डालकर पीना कब्ज को दूर करने में कारगार है।

नींबू को पानी में डालकर, दूध में घी डालकर, गर्म पानी में शहद डालकर पीने से कब्ज दूर होती है। सुबह-सुबह गर्म पानी पीने से भी कब्ज को दूर करने में बहुत मदद मिलती है।

अलसी के बीज का पाउडर पानी के साथ लेने से कब्ज में राहत मिलती है

इस तरह के प्रभावी प्राकृतिक उपचार और आयुर्वेदिक उपचार के माध्यम से कब्ज को स्थायी रूप से आसानी से दूर किया जा सकता है।

दो सेव प्रतिदिन खाने से कब्ज में लाभ होता है।

अमरूद और पपीता ये दोनो फल कब्ज रोगी के लिये अमृत समान है। ये फल दिन मे किसी भी समय खाये जा सकते हैं। इन फलों में पर्याप्त रेशा होता है और आंतों को शक्ति देते हैं। मल आसानी से विसर्जित होता है।

अंगूर मे कब्ज निवारण के गुण हैं। सूखे अंगूर याने किश्मिश पानी में 3 घन्टे गलाकर खाने से आंतों को ताकत मिलती है और दस्त आसानी से आती है। जब तक बाजार मे अंगूर मिलें नियमित रूप से उपयोग करते रहें।

अंजीर कब्ज हरण फल है। 3-4 अंजीर फल रात भर पानी में गलावें। सुबह खाएं। आंतों को गतिमान कर कब्ज का निवारण होता है। मुनक्का में कब्ज नष्ट करने के गुण हैं। 7 नग मुनक्का रोजाना रात को सोते वक्त लेने से कब्ज रोग का स्थाई समाधान हो जाता है।

Dr- Vaidhya Deepak Kumar
Adarsh Ayurvedic Pharmacy
Kankhal Hardwar

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