हरिद्वार। समाज सुधारक व महान क्रांतिकारी महात्मा ज्योतिबा फुले की जयंती पर सैनी जागृति मंच कनखल द्वारा एक गोष्ठी का आयोजन लक्सर मार्ग जगजीतपुर में एक रेस्टारेंट में किया गया। कार्यक्रम का संयोजन शिक्षाविद् लाल सिंह सैनी ने किया। इस अवसर पर आयोजित गोष्ठी में वक्ताओं ने महात्मा ज्योतिबा फुले के व्यक्तित्व व कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए उन्हें श्रद्धासुमन अर्पित किए।
गोष्ठी को सम्बोधित करते हुए मंच के महामंत्री काशीराम सैनी ने कहाकि महात्मा ज्योतिराव फुले 19वीं सदी के एक महान समाज सुधारक, समाजसेवी, लेखक और क्रांतिकारी कार्यकर्ता थे। आज उनकी जयंती है। सन् 1827 में महाराष्ट्र के सतारा में ज्योतिराव फुले का जन्म हुआ था। उन्होंने अपना पूरा जीवन महिलाओं और दलितों के उत्थान में लगा दिया। वह हमेशा से ही स्त्रियों को शिक्षा का अधिकार दिलाने और बाल विवाह पर रोक लगाने के लिए संघर्षरत रहे। यही कारण है की आज समाज में महिलाएं पुरूषों के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कार्य कर रही हैं और शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी हैं।
मंत्र के अध्यक्ष इंजी. बीवी सिंह सैनी ने कहाकि महात्मा ज्योतिबा फूले ने उस समय धार्मिक रूढि़वादिता से दूर एक ऐसे समाज की संकल्पना की थी, जो ज्ञान का प्रकाश दे सके। भेदभाव रहित समानतावादी सत्यशोधक समाज की स्थापना करने वाले तथा नारी शिक्षा को प्रोत्साहित करने वाले ज्योतिबा फूले का नाम हमेशा अविस्मरणीय रहेगा। उन्होंन समाज को जो दिया, समाज उसके लिए उनका ऋणी रहेगा। मुख्य संयोजक डा. सूर्यकांत सैनी ने कहाकि महात्मा ज्योतिबा फुले बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। वे उच्च कोटि के लेखक थे, जिन्होंने कई पुस्तकें लिखीं। जिनकी समाज के प्रति सेवा को देखते हुए 1888 को मुंम्बई में चिट्ठलराव कृष्णाजी वंडेकर ने ज्योतिबा फुले को महात्मा की उपाधि से सम्मानित किया था। गोष्ठी में कई अन्य वक्ताओं ने भी अपने विचार व्यक्त किए।
इस अवसर पर मंच के उपाध्यक्ष देवीचन्द्र सैनी, मंत्री विनोद सैनी, सुरेन्द्र सिंह सैनी, हुकम सिंह सैनी, बिजेन्द्र नागयान, सतीश सैनी, नरेन्द्र सैनी, प्रतिभा सैनी, रामकुमार सैनी, भूषण सैनी, महकार सैनी, श्लोक चन्द्र सैनी, तेजपाल सैनी, संजय सैनी समेत सैंकड़ों लोग मौजूद थे।

महान समाज सुधारक थे ज्योतिबा फुलेः काशीराम सैनी

