उप जिलाधिकारी ने चुनाव अधिकारी द्वारा की गई किसी भी कार्यकारी कार्रवाई पर रोक लगाने का दिया आदेश
भीमताल (नैनीताल)। उत्तराखंड के कुमाऊं मंडल के नैनीताल जिले के तहत आने वाले भीमताल की एक शांत पहाड़ी के आवासीय क्षेत्र में उस समय हड़कंप मच गया जब निवासियों ने अपनी सोसाइटी में अवैध व्यवसायीकरण और प्रशासनिक धोखाधड़ी के खिलाफ विरोध शुरू कर दिया। रक्षा रिट्रीट में निवासी आरोप लगा रहे हैं कि कई संपत्तियों को एअरबिएनबी जैसी किराये की यूनिट के तौर पर बिना पंजीकरण, सुरक्षा स्वीकृति या उत्तराखंड होमस्टे पॉलिसी के पालन के बिना चलाया जा रहा है।
एक निवासी द्वारा की गई शिकायत के अनुसार, ऐसी संपत्तियों को अनुमति नहीं दी जानी चाहिए। उन्होंने नाम न छापने की शर्त पर कहा, संस्थापकों द्वारा तय की गई सोसाइटी की आत्मा को केवल व्यवसायीकरण के मकसद से इन संपत्तियों द्वारा ठेस पहुंचाई जा रही है। पार्किंग की भी भारी कमी के कारण निवासियों को असुविधा हो रही है।
इस नीति के अनुसार, मेज़बानों को उसी स्थान पर रहना होगा और पुलिस सत्यापन, अग्नि सुरक्षा स्वीकृति और बुनियादी स्वच्छता प्रमाणपत्र प्राप्त करना जरूरी है, जिनमें से कोई भी व्यवस्था निवासियों के अनुसार पूरी नहीं की गई है। नैनीताल के उपनिदेशक पर्यटन द्वारा भी मालिकों को ऐसे किराये बंद करने के नोटिस जारी किए गए हैं।
लेकिन एअरबिएनबी किराये सिर्फ विवाद का एक हिस्सा हैं। निवासियों ने अपनी रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन कार्यकारी समिति पर अवैध रूप से चुने जाने और पर्यावरणीय तथा आवासीय नियमों के उल्लंघन को बढ़ावा देने का भी आरोप लगाया है। यह विवाद अब नैनीताल के उप-जिलाधिकारी के समक्ष रखा गया है जिसमें तीन मुख्य आरोप हैं एक धोखाधड़ी से समिति का चुनाव हुआ है। हरित क्षेत्रों पर अवैध अतिक्रमण और घरों का अनधिकृत व्यवसायिक उपयोग किया जा रहा है।
इस विवाद मुख्य कारण 22 अप्रैल 2023 को हुआ कार्यकारी समिति का चुनाव है। रिटर्निंग ऑफिसर ने दावा किया कि 70 निवासियों ने इसमें भाग लिया, लेकिन निवासियों का कहना है कि उपस्थिति के लिए दो-तिहाई कोरम यानी 76 लोगों की जरूरत थी, जो पूरा नहीं हुआ। उपनियमों के अनुसार यह कोरम अनिवार्य है, और यही बिंदु उप जिलाधिकारी को की गई औपचारिक शिकायत का प्रमुख हिस्सा है। इस बीच उप जिलाधिकारी ने चुनाव अधिकारी द्वारा किसी भी कार्यकारी कार्रवाई पर रोक लगाने का आदेश दिया है।
इस बीच, सामुदायिक उपयोग और पर्यावरण संरक्षण के लिए आरक्षित हरित क्षेत्रों पर कथित तौर पर अतिक्रमण कर उन्हें एअरबिएनबी मेहमानों के लिए पार्किंग में बदल दिया गया है। निवासियों का कहना है कि इससे हर्बल गार्डन, वनस्पति को नुकसान पहुंचा है, रास्ते अवरुद्ध हुए हैं और सोसाइटी का पारिस्थितिकी तंत्र कमजोर हुआ है। बार-बार आपत्तियों के बावजूद निवासी कहते हैं कि कार्यकारी समिति ने न तो चिंताओं को सुना और न ही कोई सुधारात्मक कदम उठाया।
निवासियों ने तुरंत कार्रवाई की मांग की है कि तथाकथित आवासीय समिति को भंग करना, एक तटस्थ प्रशासक नियुक्त करना, पूरी वित्तीय ऑडिट कराना और सभी एअरबिएनबी गतिविधियों पर तब तक रोक लगाना जब तक सभी प्रासंगिक नियमों और कायदे कानूनों का पालन सुनिश्चित नहीं हो जाता।व्यवसायीकरण ने निवासियों के लिए कई परेशानियां खड़ी कर दी हैं, यह कभी किराये की सोसाइटी बनने के लिए नहीं बनाई गई थी। यह रक्षा रिट्रीट की मूल भावना के खिलाफ है।