हरिद्वार के तथाकथित पत्रकारों ने एक किसान को डरा धमकाकर 50 हजार की रकम वसूल ली। जब किसान ने रकम देने के मना कर दिया तो अवैध खनन की शिकायत करनी शुरू कर दी। जिलाधिकारी के आदेशों पर जांच कराई गई तो किसान का दर्द बाहर छलक आया। बताया कि पत्रकारों लगातार पैंसो की मांग कर रहे है। जिलाधिकारी के आदेशों पर की गई जांच में पाया गया कि दो हजार घन मीटर की अनुमति लेने के बाद किसान के खेत से महज 1100 घन मीटर ही मिट्टी उठाई गई है। लेखपाल की जांच रिपोर्ट में करीब 1100 घन मीटर मिट्टी उठने की पुष्टि हुई है।
बहादराबाद क्षेत्र के अलीपुर गांव निवासी जनेश्वर का रोहालकी में भूमि है। भूमि बुरी तरह से ऊबड़कृखाबड़ है। जिसके चलते जनेश्वर खेती नही कर पा रहा है। जनेश्वर ने इस भूमि को उपयोग में लाने के लिए जिलाधिकारी कार्यालय से भूमि समतलीकरण की अनुमति प्राप्त की। जिलाधिकारी सी रविशंकर ने किसान के हितों को देखते हुए तत्काल अनुमति प्रदान कर दी। जनेश्वर के खेत को समतलीकरण करने का कार्य शुरू हुआ तो पत्रकारों के उत्पीडन का खेल भी शुरू हो गया। फूंकनी लेकर पहुंचे पत्रकारों ने पैंसों की मांग कर दी। जनेश्वर ने पहली बार पत्रकार को देखा तो कुछ समझ नही पाया। उसने कुछ पत्रकारों को डरने के बाद पैंसे दे दिए। उसके बाद तो पत्रकारों के आने का सिलसिला ही शुरू हो गया। जनेश्वर ने इस प्रकरण की शिकायत जिला प्रशासन से की है। जनेश्वर का कहना है कि वह अनुमति लेकर मिटटी से उठवा रहा है तो पत्रकारों को डराने धमकाने का मतलब क्या है। फिलहाल इस मामले की जांच कराई जा रही है।