सीएम पुष्कर सिंह धामी ने भू कानून को लेकर उठ रहे सवालों पर कहा है कि कमेटी ने अपनी रिपोर्ट दे दी है और उन्होंने कई सिफारिशें की हैं। लेकिन हम किसी को यहां आने से नहीं रोक रहे हैं, निवेशकों को भी नहीं। लेकिन उत्तराखंड की जमीन का दुरुपयोग नहीं होना चाहिए। उन्होंने कहा कि उनके पास पिछले कुछ दिनों में जमीनों के दुरुपयोग की कई शिकायतें आईं हैं।
विदित हो कि उत्तराखंड में भू कानून को लेकर बनाई गई कमेटी ने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को अपनी रिपोर्ट सौंप दी है। सीएम ने रिपोर्ट मिलने के बाद कहा कि भू कानून से संबंधित सभी पक्षों की राय लेते हुए हम प्रदेश के विकास व प्रदेशवासियों के कल्याण हेतु निर्णय लेंगे। समिति ने प्रदेश हित में निवेश की संभावनाओं और भूमि के अनियंत्रित क्रय-विक्रय के बीच संतुलन स्थापित करते हुए अपनी 23 संस्तुतियां सरकार को दी हैं। भू कानून को लेकर सीएम पुष्कर सिंह धामी ने कहा कि लंबे समय से इस पर चर्चा हो रही है। जब मैंने मुख्यमंत्री के रूप में काम करना शुरू किया, तो उत्तराखंड के लिए लंबे समय तक काम करने वाले कई लोगों ने मुझसे कहा कि कानून में कुछ संशोधन किए जाएं। हमने इसके लिए एक समिति गठित की थी, जिसने रिपोर्ट सौंप दी है। सीएम ने कहा कि भू कानून की सिफारिशों की जांच करने का निर्णय लिया है। मंत्रिमंडल में चर्चा के बाद उत्तराखंड के हित में भू कानून में संशोधन किया जाएगा।
वैसे भू कानून उत्तराखंड के लिए कोई नया मुद्दा नहीं है। राज्य स्थापना के बाद से ही भू कानून की मांग उठने लगी थी। उस दौरान उत्तर प्रदेश का ही भू अधिनियम प्रदेश में लागू रहा। राज्य बनने के बाद काफी तेजी से जमीनों की खरीद-फरोख्त शुरू हो गई। इसी को देखते हुए एनडी तिवारी सरकार में भू कानून को लेकर कुछ संशोधन किए गए।