विनोद धीमान
हरिद्वार। गंगा संरक्षण को लेकर हाईकोर्ट नैनीताल के सख्त निर्देशों के बाद हरिद्वार जिला प्रशासन ने शुक्रवार को बड़ी कार्रवाई करते हुए भोगपुर क्षेत्र और आसपास के इलाकों में संचालित 48 स्टोन क्रशरों को सील कर दिया। यह कदम मातृ सदन संस्था की याचिका पर पारित आदेश के तहत उठाया गया है, जिसमें गंगा के दोनों किनारों पर हो रहे अवैध खनन को रोकने की मांग की गई थी।
जिलाधिकारी मयूर दीक्षित के निर्देश पर गठित विशेष टीम—जिसमें अपर जिलाधिकारी, उप जिलाधिकारी, जिला खनन अधिकारी मोहम्मद काजिम रजा, अधिशासी अभियंता (ऊर्जा निगम) और पुलिस अधिकारी पथरी थाना अध्यक्ष मनोज नौटियाल, लक्सर से सुल्तानपुर चौकी प्रभारी वीरेंद्र सिंह नेगी अपनी टीम के साथ मौजूद रह कर कार्रवाई को अंजाम दिया। फिलहाल, सभी क्रशरों के ऑनलाइन पोर्टल बंद कर दिए गए हैं ताकि रॉयल्टी या खनन प्रक्रिया को पूरी तरह रोका जा सके।
सामाजिक कार्यकर्ता रत्नमणि ने इस कार्रवाई पर संतोष जताते हुए कहा कि “प्रशासन की लापरवाही से गंगा का इकोसिस्टम प्रभावित हो रहा था। हाईकोर्ट का यह आदेश गंगा की जैव विविधता को बचाने में अहम भूमिका निभाएगा।
सील किए गए क्रशरों में बाण गंगा स्टोन क्रशर, इण्डेवर, श्री जी, गौमुख, लक्ष्मी नारायण, महालक्ष्मी, शिव शक्ति, नटराज इंडस्ट्रीज आदि प्रमुख हैं। इनमें से कुछ क्रशर रानीमजरा, शाहपुर शीतलाखेड़ा, बिशनपुर, सजनपुर पीली, फेरूपुर और गैडीखाता क्षेत्रों में स्थित हैं।
गौरतलब है कि वर्ष 2017 में भी इस मुद्दे पर आदेश जारी हुए थे, लेकिन स्टे आदेश के चलते कार्रवाई अधर में लटक गई थी। अब कोर्ट ने स्पष्ट निर्देश देते हुए इन सभी क्रशरों को तत्काल बंद करने का आदेश दिया है।