रेलवे की जमीन से अतिक्रमण हटाने को तैयारियों लेकर नैनीताल प्रशासन और रेलवे के अधिकारियों की बैठक हुई। अतिक्रमण हटाने को लेकर कानून व्यवस्था, सुरक्षा, जमीन के चिन्हिकरण समेत कई अहम मुद्दों पर चर्चा हुई। अब रेलवे 28 दिसंबर से अतिक्रमण हटाने के लिये नोटिस जारी करेगा। उसी दिन से पिलर बंदी दोबारा शुरू होगी। इस दौरान पूरे इलाके पर ड्रोन और कैमरों से नजर रखी जायेगी।
बता दें कि हाईकोर्ट के निर्देश के बाद बनभूलपुरा में रेलवे की 29 एकड़ भूमि से 4,365 घरों को तोड़कर अतिक्रमण हटाया जाना है। कुमाऊं मंडल आयुक्त दीपक रावत ने कहा कि रेलवे को ये निर्देश मिले हैं कि रेल विभाग की जितनी भी जमीन पर अतिक्रमण है, उसे रेलवे अपने कब्जे में ले। इसके साथ ही कोर्ट ने रेलवे को एक हफ्ते का नोटिस और मुनादी कराए जाने के निर्देश दिए हैं।
एडीआरएम विवेक गुप्ता ने बताया कि हाईकोर्ट के निर्देश पर रेलवे भूमि से अतिक्रमण हटाने को लेकर हाई लेवल मीटिंग बुलाई गई थी। जिसमें पुलिस, प्रशासन और रेलवे के तमाम अधिकारी शामिल हुए। रेलवे 28 दिसंबर से अतिक्रमण हटाने की दिशा में काम शुरू करेगा। सबसे पहले नोटिस दिए जाएंगे। 28 दिसंबर से ही दोबारा पिलर बंदी शुरू होगी। उन्होंने बताया कि अतिक्रमण हटाने के लिए विस्तृत प्लान तैयार किया गया है। हाईकोर्ट के आदेश के बाद बनभूलपुरा में रेलवे की 29 एकड़ भूमि से अतिक्रमण हटाया जाना है। रेलवे भूमि पर अतिक्रमण का यह मामला नया नहीं है। अतिक्रमण हटाने के लिए करीब 15 साल पहले बड़े स्तर पर अभियान भी चला था, जिसके बाद मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था इस बीच 2016 में रेलवे ने सीमांकन कर रेलवे स्टेशन के आसपास के क्षेत्रों में पिलर लगा दिए थे।