बढ़ते शवों के कारण समिति ने उठाया कदम
हरिद्वार। कोरोना संक्रमित शवों के बढ़ते दवाब के कारण दाह संस्कार पर कनखल शमशान घाट पर फिलहाल रोक लगा दी गयी है। अब कोरोना संक्रमितों के दाह संस्कार को अब शमशान घाट के पार गंगा किनारे कराया जा रहा है या फिर शवों को चण्डीघाट शमशान भेजा जा रहा है।
बता दें कि कोरोना से मरने वालें के अलावा अन्य कारणों से मरने वालों की संख्या में इजाफा हुआ है। जिस कारण कनखल शमशान घाट पर प्रतिदिन 35 से 40 शव दाह संस्कार के लिए आ रहे हैं। ऐसे में संस्कार के लिए स्थान भी कम पड़ रहा है। आलम यह है कि शवों की बढ़ती संख्या के कारण अस्थि संचय भी अब तीसरे दिन की बजाय अगले ही दिन करने के लिए लोगों से कहा जा रहा है।
शमशान घाट समिति के संरक्षक पं. रामकुमार मिश्रा ने बताया कि कनखल में प्रतिदिन 35 से 40 शव दाह संस्कार के लिए आ रहे हैं। जिनमें अधिकांश शव बाहरी शहरों के होने के साथ कोरोना संक्रमितों के हैं। जिस कारण स्थान की कमी पड़ रही है। वहीं कोरोना संक्रमित शव के आने पर विशेष सावधानी की आवश्यकता पड़ती है। उन्होंने बताया कि दो दिन पूर्व शवों की संख्या इतनी अधिक हो गयी की आसपास भी शवों को जलाने के लिए मजबूर होना पड़ा। जिस कारण से वहां रखे हुए बांसों में आग लग गयी। जिस कारण आग बुझाने के लिए दमकल की गाड़ी को बुलाना पड़ा। उन्होंने बताया कि कोरोना संक्रमितों के दाह संस्कार के लिए अब शमशान के पार गंगा किनारे शव दाह करने के लिए लोगों से कहा जा रहा है। इसके साथ ही चण्डीघाट शमशान घाट पर दाह संस्कार करने की सलाह दी जा रही है। उन्होंने बताया कि अभी तक शमशान में इतने शव आने का मंजर उन्होंने इससे पहले कभी नहीं देखा।

कोरोना संक्रमित शवों के दाह संस्कार पर कनखल शमशान में लगायी पाबंदी


