हरिद्वार। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष व श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविन्द्र पुरी महाराज तथा अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय महामंत्री श्रीमहंत राजेन्द्र दास महाराज ने देशवासियों को अंधकार पर प्रकाश की विजय के पर्व दीपावली की बधाई देते हुए सभी के सुख-समृद्ध जीवन व देश की खुशहाली की कामना की है।
श्रीमहंत ने कहाकि दीवाली पर्व का सनातन में बड़ा महत्व है। आज ही के दिन भगवान श्री राम लंकापति रावण को मारकर चौदह वर्षों के वनवास के बाद जब अयोध्या पहुंचे थे। तब अयोध्या वासियांे ने उनका दीप जलाकर स्वागत किया था। इसी दिन राजा बलि ने जब लक्ष्मीजी को बंदी बना लिया था तो, भगवान विष्णु ने वामन का रूप धारण कर उन्हें छुड़वाया था।
दीपावली के दिन ही भारत के तीन महान विभूतियों महावीर स्वामी, स्वामी दयानंद सरस्वती और स्वामी रामतीर्थ ने अपने शरीर का त्याग किया। इन तीनों महानुभाव ने मनुष्यों को ज्ञान का प्रकाश दिया।
स्वामी रामतीर्थ का जन्म भी इसी दिन हुआ था। स्वतंत्रता की अलाव जगाने वाली महारानी लक्ष्मी बाई ने अंग्रेजों से लड़ते-लड़ते दीपावली के दिन ही अपने प्राणों की आहूति दी थी। वहीं दीपावली कार्तिक अमावस्या के दिन आदि शंकराचार्य के निर्जीव शरीर पर पुनः प्राणों का संचार होने के कारण हिन्दुओं ने इस खुशी में दीपोत्सव मनाकर अपनी भावनाओं का प्रदर्शन किया। भूदान आंदोलन के महान संत विनोवा भावे का निधन भी दीपावली के दिन हुआ था।
उन्होंने कहाकि इस कारण से दीपावली का पौराणिक, धार्मिक व आध्यात्मिक महत्व है। दीपावली का धार्मिक महत्त्व ही लक्ष्मी पूजा से जुड़ा हुआ है। उन्होंने कहाकि सभी पर्व एकता, भाईचारे व मानवता का संदेश देते हैं। कहाकि दीपावली पर्व की सार्थकता तभी है जब हम अज्ञान रूपी अंधकार का नाश कर अपने जीवन में ज्ञान का प्रकाश फैलाएं और समाज को भी ज्ञान के प्रकाश से प्रकाशित करें।