फर्जी मतदाता बन सकते हैं धार्मिक सम्पत्तियों के लिए बड़ी समस्या
हरिद्वार। उत्तराखण्ंड में निकाय चुनाव की तैयारियां शासन व प्रशासन स्तर पर शुरू हो गई हैं। कभी भी चुनावों की घोषणा की जा सकती है। इसी के चलते चुनाव लड़ने के इच्छुक नेताओं ने भी अपनी-अपनी तैयारियां शुरू कर दी हैं। चुनावी तैयारी के तहत प्रशासन की ओर से मतदाता सूची में नाम दर्ज करवाने व त्रुटि ठीक करवाने के लिए एक शिविर का आयोजन 7 मई तक जारी रहेगा। शिविर के आरम्भ होते ही कांग्रेस फर्जी वोटरों की आशंका जताते हुए ज्ञापन भी दे चुकी है। बावजूद इसके फर्जी मतदाताओं के नाम शामिल करवाने के लिए नेता एडी-चोटी का जोर लगाए हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक चुनावों में फर्जी मतदाताओं को बड़ा रोल रहा है। विधानसभा चुनावों में भी इनकी संख्या काफी ज्यादा बतायी गई है और निकाय चुनाव में भी ऐसे लोगों को जोड़ने की कोशिश नेताओं के द्वारा की जा रही है, जिनका वार्ड आदि से कोई संबंध नही है।
सूत्रों के मुताबिक झुग्गी-झोपड़ियों के अतिरिक्त तीर्थनगरी के कुछ आश्रमों में फर्जी मतदाताओं का बड़ा खेलहुआ है। सूत्रों की मानें तो कुछ आश्रम ऐसे हैं जहां आदमी तो एक-दो निवास करते हैं, किन्तु वहां मतदाताओं की संख्या 40 से 50 के बीच है। कनखल स्थित इस आश्रम में आज तक एक-दो व्यक्तियों से अधिक कभी कोई दिखायी नहीं दिया। बावजूद इसके वहां करीब 40 मतदाता होना आश्चर्य से कम नहीं। जिन आश्रमों पर कुछ नेता विशेष की कृपा है, उन आश्रमों में मतदाताओं की संख्या का कुछ ऐसा ही हाल है। ऐसे में फर्जी मतदाताओं के जरिए एक बार फिर से निकाय चुनाव जितने की तैयारी में नेता लगे हुए हैं।
सूत्रों के मुताबिक फिलहाल तो नेताओं की चरण वंदना कर कुछ आश्रमवासी फर्जी मतदाताओं को भले ही अपने फायदे लिए इस्तेमाल करने की इजाजत दे रहे हों, किन्तु आने वाले समय में यही फर्जी मतदाता इनके जी का जंजाल बन सकते हैं। हो सकता है कि कुछ समय बाद ये सम्पत्ति पर भी अपना हक जताना शुरू न कर दें।