हरिद्वार। कोरोना महामारी की दूसरी लहर से एक बार फिर से देश त्राहि-त्राहि करने लगा है। आलम यह है कि कोरोनों संक्रमितों के आंकड़े अब 2 लाख से पार जाने लगे है। मरीजों को अस्पताल में भर्ती करने के लिए बैड तब उपलब्ध नहीं हो पा रहे हैं। हर कोई कोरोना से बचाव के उपाय तलाशने में जुटा है।
वैद्य दीपक कुमार के मुुताबिक यदि हम कुछ सावधानियों को अपनाएं तो करोना से काफी हद तक बचा जा सकता है। कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सबसे ज्यादा जरूरी है गाइडलाइन का पालन करना। इसके साथ अगर हम घर में खानपान की आदतों में थोड़ा बदलाव करें तो करोना से बचने की संभावना बढ़ जाती है। उन्होंने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए हमें रिफाइंड तेल से बचना चाहिए। क्योंकि ये फैट को बढ़ाता है। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता पर भी असर पड़ता है। सरसों का तेल रिफाइंड तेल के मुकाबले ज्यादा अच्छा होता है। बाकि तेलों के मुकाबले सरसों के तेल में रोग प्रतिरोधक शक्ति बढ़ाने की क्षमता ज्यादा होती है। यही कारण है कि पुराने लोग सरसों के तेल का ही सेवन किया करते थे। सरसों का तेल ऐंटिफंगल, ऐंटि बैक्टीरियल और ऐंटिइंफ्लामेट्री गुणों से भरपूर होता है। सरसों के तेल में बना खाना बनाने से कफ, कोल्ड, सीने में दर्द, गले में खराश और खांसी जैसी समस्याएं अन्य लोगों की तुलना में बहुत ही कम होती हैं। वहीं जंक फूड भी सेहत के लिए हानिकारक है। जितना अधिक हो सके जंक फूड खाने से बचें। वैद्य दीपक कुमार ने बताया कि बड़ों से अधिक बच्चों को जंक फूड से बचाने की वर्तमान परिस्थिति में अधिक आवश्यकता है। उन्होंने कहाकि घर मंे बनाया हुआ खाना ही खाएं। यदि आवश्यक हो तो घर से बाहर निकलें, किन्तु बाहर निकलते समय गाइडलाईन का पालन जरूर करें। साथ ही बाहर से आने पर बुजुर्गों व बच्चों से दूरी बनाकर रखें तथा स्ंवय को सेनिटाइज करके ही परिवार वालों के नजदीक आए। यदि हम इन सबका ध्यान रखते हैं तो कोरोना से काफी हद तक बच सकते हैं। ं